प्रेम प्रसंग के चलते सलोन कस्बे के युवक को ग्रामीणों ने पकड़कर खंभे से बांधा, दी तालिबानी सजा; पुलिस के हवाले किया

सलोन : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के सलोन थाना क्षेत्र के पांडे का पुरवा गांव में एक प्रेम प्रसंग को लेकर अमानवीय घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। सलोन कस्बे के एक युवक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसे खंभे से बांधकर तालिबानी शैली में बेरहमी से पिटाई की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद ग्रामीणों ने आरोपी युवक को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

घटना का पूरा विवरण

जानकारी के अनुसार, सलोन कस्बे का यह युवक (नाम गोपनीय रखा गया है) लंबे समय से पांडे का पुरवा गांव की एक युवती के साथ प्रेम संबंधों में था। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग की चर्चा गांव में फैल चुकी थी, जिससे ग्रामीणों में असंतोष बढ़ गया। मंगलवार रात को युवक चुपके से गांव में युवती से मिलने आया। लेकिन गांव वालों को इसकी भनक लग गई।

ग्रामीणों ने युवक को युवती के घर के पास से घेर लिया और उसे पकड़ लिया। गुस्साए ग्रामीणों ने उसे तुरंत एक खंभे (संभवतः बिजली का पोल) से रस्सी या डोरी से बांध दिया। इसके बाद उन्होंने लाठियों और मुक्कों से उसकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। पीड़ित युवक चीखता रहा, लेकिन ग्रामीणों ने ‘पंचायत’ के नाम पर यह ‘सजा’ पूरी की। घटना के दौरान कुछ ग्रामीणों ने मोबाइल फोन से पूरा वीडियो बनाया, जो बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में युवक को खंभे से बंधा हुआ साफ दिखाया गया है, जबकि उसके चारों ओर भीड़ चिल्ला रही है।

गांव के बुजुर्गों और कुछ महिलाओं ने भी इस ‘सजा’ में हिस्सा लिया। आरोप है कि पिटाई के दौरान युवक को गालियां दी गईं और सामाजिक बहिष्कार की धमकी भी दी गई। लगभग आधे घंटे तक चली इस पिटाई के बाद युवक की हालत गंभीर हो गई। ग्रामीणों ने उसे खोलकर सलोन थाने के हवाले कर दिया। थाने पहुंचने पर युवक को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके चोटों का इलाज किया।

ग्रामीणों का पक्ष

गांव वालों का कहना है कि यह कार्रवाई ‘गांव की मर्यादा’ बचाने के लिए की गई थी। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “प्रेम प्रसंग से गांव की लड़कियों की इज्जत खतरे में पड़ जाती है। हमने पुलिस को सौंप दिया, ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों।” हालांकि, यह तालिबानी शैली की सजा न केवल अमानवीय है, बल्कि भारतीय कानून के विरुद्ध भी है, जहां निजी न्याय किसी को सौंपा नहीं जा सकता।

पुलिस की कार्रवाई

सलोन थाना प्रभारी ने बताया कि वायरल वीडियो मिलने के बाद तुरंत टीम गांव पहुंची। पीड़ित युवक का बयान दर्ज कर लिया गया है और उसके खिलाफ कोई शिकायत न होने पर उसे छोड़ दिया गया। दूसरी ओर, पिटाई करने वाले मुख्य ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 351 (आपराधिक धमकी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने गांव में शांति समिति की बैठक बुलाई है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का वादा किया है। एसपी रायबरेली ने कहा, “ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून सबके लिए बराबर है।”

सामाजिक प्रतिक्रिया

यह घटना सोशल मीडिया पर छाई हुई है, जहां लोग इसे ‘मध्ययुगीन मानसिकता’ बता रहे हैं। महिला अधिकार संगठनों ने ग्रामीणों की कार्रवाई की निंदा की है और पीड़ित युवती की सुरक्षा की मांग की है। एक एनजीओ ने कहा, “प्रेम प्रसंग व्यक्तिगत मामला है, इसे सजा देकर समाज खुद को जंगली साबित कर रहा है।” इसी तरह की घटनाएं हाल ही में बिहार, गुजरात और अन्य राज्यों में भी सामने आई हैं, जहां प्रेमी जोड़ों को तालिबानी सजा दी गई।

यह मामला न केवल प्रेम के नाम पर हिंसा का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण भारत में कानून की अवहेलना को भी उजागर करता है।

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