Wild Elephant Terror in Ramgarh: झारखंड (Jharkhand) के रामगढ़ (Ramgarh) जिले से दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां जंगली हाथियों के हमले में दो महिलाओं समेत चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं ग्रामीणों का गुस्सा भी सड़कों पर फूट पड़ा है। बुधवार सुबह सैकड़ों ग्रामीणों ने वेस्ट बोकारो ओपी (West Bokaro OP) क्षेत्र के नया मोड़–घाटों जाने वाली सड़क को जाम कर वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों का आरोप है कि हाथियों का झुंड पिछले कई महीनों से इलाके में घूम रहा था, लेकिन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आखिर पूरी घटना कैसे हुई, कौन-कौन इसकी चपेट में आया और प्रशासन अब क्या कर रहा है चलिए जानते हैं….
एक महीने से मंडरा रहा था खतरा/Wild Elephant Terror in Ramgarh
ग्रामीणों के मुताबिक, जंगली हाथियों का झुंड पिछले डेढ़ महीने से रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र में लगातार घूम रहा था। इस दौरान कई किसानों की फसलें बर्बाद हुईं, घर क्षतिग्रस्त हुए और लोग रातें जागकर काटने को मजबूर रहे। इसके बावजूद हाथियों को जंगल की ओर भगाने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को यह खतरा जानलेवा साबित हो गया, जब हाथियों ने अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों को कुचलकर मार डाला। इसके बाद इलाके में डर के साथ-साथ प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश फैल गया।

चार अलग-अलग जानें गईं
पहली घटना मंगलवार शाम करीब 4 बजे हुई, जब अमित रजवार (Amit Rajwar, 35) अपने साथियों के साथ हाथियों के झुंड के पास मोबाइल से फोटो ले रहा था। अचानक एक हाथी भड़क गया और दौड़ा लिया। अन्य लोग बच निकले, लेकिन अमित हाथी की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वह सीसीएल सारूबेड़ा (CCL Sarubeda) में गार्ड था। दूसरी घटना रात करीब 10:30 बजे की है, जब अमूल महतो (Amul Mahto) बाइक से रामगढ़ से घाटों की ओर जा रहा था। रास्ते में हाथियों ने उसे कुचल दिया। इसके अलावा लखन करमाली (Lakhan Karmali) की पत्नी सावित्री देवी (Savitri Devi) और दशरथ मांझी (Dashrath Manjhi) की पत्नी पार्वती देवी (Parvati Devi) की भी हाथियों के हमले में मौत हो गई।
सड़क जाम कर फूटा गुस्सा
सड़क जाम कर रहे इच्छाकडीह पंचायत (Ichakdih Panchayat) के मुखिया रमेश राम (Ramesh Ram) ने कहा कि चार लोगों की मौत के लिए पूरा का पूरा वन विभाग जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा। वहीं ग्रामीण सेवालाल मांझी (Sewalal Manjhi) और प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar) ने कहा कि हाथियों को तुरंत जंगल की ओर भगाया जाए, ताकि आगे कोई और जान न जाए। दूसरी ओर कुजू रेंज (Kuju Range) के रेंजर बटेश्वर पासवान (Bateshwar Paswan) ने बताया कि चारों मृतकों के परिजनों को तत्काल 25-25 हजार रुपये दिए जाएंगे और सरकारी प्रावधान के तहत 4 लाख रुपये का मुआवजा भी मिलेगा। हाथियों को भगाने के लिए QRT की चार टीमें लगाई गई हैं।
जंगलों की आवाज कटाई और हाथियों की परेशानी
फिलहाल इलाके में वन विभाग की क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) तैनात है और ग्रामीणों को हाथियों के पास न जाने की लगातार चेतावनी दी जा रही है। रेंजर बटेश्वर पासवान के अनुसार, कई लोग हाथियों को देखने और फोटो-वीडियो बनाने के चक्कर में खतरा बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों की अवैध कटाई और भोजन की कमी के कारण हाथियों का रुख गांवों की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या समय रहते स्थायी समाधान निकाला जाएगा, या फिर ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों का यह खतरा और बढ़ेगा।










