World Biggest Museum In Egypt: मिस्र एक बार फिर अपनी हजारों साल पुरानी सभ्यता को दुनिया के सामने नए रूप में पेश कर रहा है। गीज़ा के पिरामिडों (Giza Pyramid) के पास खुला ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (Grand Egyptian Museum) न केवल वास्तुकला का चमत्कार है, बल्कि यह मिस्र के गौरवशाली इतिहास की जीवंत झलक भी दिखाता है। 1 अरब डॉलर की लागत से बने इस विशाल म्यूजियम में ऐसी कलाकृतियाँ हैं जो मिस्र की रहस्यमयी विरासत को नई पहचान देंगी। खास बात यह है कि यहां पहली बार प्रसिद्ध बॉय किंग तूतनखामेन (King Tutankhamen) की पूरी कब्र के खजाने को एक ही जगह प्रदर्शित किया गया है। कहा जा रहा है कि यह स्थान मिस्र को विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक नई ऊँचाई देगा।
ऐतिहासिक शुरुआत और उद्घाटन का भव्य आयोजन/World Biggest Museum In Egypt
काहिरा (Kabira) के गीज़ा (Giza) में स्थित ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (Grand Egyptian Museum) का उद्घाटन मिस्र (Egypt) के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी (Abdel Fattah el-Sisi) ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी में किया। यह परियोजना मिस्र के पुरातत्व और पर्यटन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। लगभग 1 अरब डॉलर की लागत से बना यह म्यूजियम दुनिया का सबसे बड़ा पुरातत्व संग्रहालय माना जा रहा है। पिरामिडों (Pyramids) के पास स्थित यह भव्य इमारत आधुनिक डिजाइन और प्राचीन वास्तुकला का अद्भुत संगम है। इसका विशाल प्रवेश द्वार पिरामिड के आकार में बनाया गया है, जो इसकी पहचान को और भी खास बनाता है। मिस्र सरकार को उम्मीद है कि इस परियोजना से देश में पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और हर साल करीब 80 लाख पर्यटक यहां आएंगे। उद्घाटन समारोह में मिस्र की संस्कृति और इतिहास को प्रस्तुत करने वाले विशेष प्रदर्शन भी आयोजित किए गए।

तूतनखामेन की कब्र – म्यूजियम की सबसे बड़ी आकर्षण
म्यूजियम का सबसे खास आकर्षण है फराओ तूतनखामेन (Pharaoh Tutankhamun) की कब्र, जिसे ब्रिटिश पुरातत्वविद हावर्ड कार्टर ने 1922 में खोजा था। यह कब्र करीब 3,000 वर्षों तक मलबे में छिपी रही। इसमें 5,500 से अधिक अनमोल वस्तुएं मिलीं — जिनमें सोने के आभूषण, मूर्तियां, शाही पोशाकें और अनोखे कलाकृतियां शामिल हैं। अब पहली बार इन सभी वस्तुओं को एक ही स्थान पर आम जनता के लिए प्रदर्शित किया गया है। तूतनखामेन, जिसने केवल 9 वर्ष की उम्र में मिस्र का फराह बनकर शासन किया, मात्र 18-19 वर्ष की उम्र में रहस्यमयी परिस्थितियों में दुनिया से चला गया। उसकी कब्र से जुड़ी कई कथाएं और मिथक वर्षों से लोगों को आकर्षित करते रहे हैं, जिन्हें अब GEM में ऐतिहासिक प्रमाणों और डिजिटल इंटरैक्टिव डिस्प्ले के माध्यम से दर्शाया गया है।
‘ममी का श्राप’ और रहस्यमयी मौतों की कहानी
तूतनखामेन (Tutankhamun) की कब्र की खोज के बाद एक के बाद एक रहस्यमयी मौतों ने “ममी के श्राप” की कहानियों को जन्म दिया। खोज के कुछ समय बाद ही लॉर्ड कार्नार्वन की असामान्य मृत्यु हुई, जो इस अभियान के संरक्षक थे। इसके बाद कई अन्य पुरातत्वविद भी असमय मौत के शिकार हुए, जिनमें आर्चिबाल्ड डगलस रीड, ह्यू एवेलिन व्हाइट, और सर ली ब्रूस शामिल थे। इन घटनाओं से पूरे विश्व में भय और रहस्य का माहौल बन गया। हालांकि आधुनिक अनुसंधान ने इन अफवाहों का खंडन किया। जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस (2023) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कब्र की दीवारों पर मौजूद बैक्टीरिया और फंगस कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए घातक हो सकते थे। आज इस श्राप की कहानी म्यूजियम की एक विशेष गैलरी में विस्तार से प्रदर्शित की गई है, जो इतिहास और रहस्य दोनों का अनोखा संगम पेश करती है।
संग्रहालय की संरचना, आधुनिक सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था
ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम (Grand Egyptian Museum) 5 लाख वर्ग मीटर में फैला है और इसमें 50,000 से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। 12 प्रमुख गैलरियों में इन्हें प्राचीन काल से लेकर रोमन युग तक की थीम के अनुसार सजाया गया है। यहां प्रमुख आकर्षणों में रामेसेस द्वितीय की 83 टन वजनी मूर्ति और खुफू की 4,500 साल पुरानी नाव शामिल हैं। बच्चों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र, सम्मेलन केंद्र, संरक्षण केंद्र और कमर्शियल जोन भी बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक, 24×7 निगरानी प्रणाली और प्रशिक्षित गार्ड तैनात हैं। हाल ही में कुछ कलाकृतियों की चोरी की घटनाओं के बाद सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। तहरीर चौक स्थित पुराने संग्रहालय से लाई गई कई कलाकृतियां अब यहां प्रदर्शित की गई हैं, जिससे यह स्थान इतिहास और आधुनिकता का एक अनोखा संगम बन गया है।










