ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की इंदौर इकाई ने सांप्रदायिक तनाव और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो रहे कथित बहिष्कार के मुद्दे पर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह को एक लिखित ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन आजाद नगर थाने पर आयोजित एक बैठक के दौरान तैयार किया गया और ACP आजाद नगर के माध्यम से कमिश्नर तक पहुंचाया गया। पार्टी ने मांग की है कि बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों द्वारा धर्म के आधार पर भेदभावपूर्ण बयानों और कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार तत्वों पर तत्काल FIR दर्ज की जाए।
घटना का पृष्ठभूमि

AIMIM नेताओं के बताया कि इंदौर में हाल के दिनों में मुस्लिम समाज को व्यापारिक और सामाजिक बहिष्कार की धमकियां दी जा रही हैं। दुकानों पर मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकालने या उन्हें हटाने के दबाव की खबरें सामने आई हैं। उदाहरण के तौर पर, सितंबर 2025 में न्यूज लॉन्ड्री की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने मुस्लिम वर्कर्स को नौकरी से हटाने का अल्टीमेटम दिया, जिसके बाद कम से कम 50 मुस्लिम कर्मचारियों ने नौकरी खो दी। इस शिकायत को 15 सितंबर को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में दर्ज कराया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पुलिस प्रशासन पर आरोप
ज्ञापन में पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि इंदौर पुलिस बीजेपी सरकार और नेताओं के दबाव में संवैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं कर रही। इसके बजाय, ऐसे बयानों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे शहर में सांप्रदायिकता चरम पर पहुंच गई है। AIMIM का दावा है कि पुलिस इन “अराजक तत्वों” के आगे नतमस्तक हो गई है, जो मुस्लिम समुदाय को उकसा रहा है।
इन सब गैर कानूनी हरकतों को लेकर AIMIM असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी जिम्मेदार लोगों ने आजाद नगर थाने पर मीटिंग के दौरान अपना पक्ष रखा और एक लिखित ज्ञापन ACP आजाद नगर के माध्यम से पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह को नाम एक ज्ञापन दिया गया और मांग की गई कि ऐसे अराजक तत्वों पर शीघ्र कार्यवाही की जाए, समय पर कार्यवाही नहीं होने पर इंदौर संभाग आयुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मुस्लिम समाज को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।