रांची के मोहराबादी मैदान में रविवार को झारखंड राज्य आकलन सफल सह प्रशिक्षित संघ की बैठक की गई। जिसकी अध्यक्षता संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत तिवारी जबकि संचालन महासचिव संजीव उर्फ बबलू सिंह ने किया। बैठक में कई जिला से जिला एवं प्रखंड कमिटी के पदाधिकारी शामिल हुए। जिसमें आकलन सफल सह प्रशिक्षित अध्यापकों के कई अहम मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा करते हुए आगे की रणनीति पर विचार विमर्श की गई।
प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत तिवारी ने कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार माटी की सरकार कहती है परंतु माटी के लाल राज्य के पारा शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। हेमंत सरकार 1 की गठन के पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री ने कई मंचों से घोषणा किया था कि हमारी सरकार बनते ही पर शिक्षकों को 3 माह के अंदर अस्थाई करण करते हुए वेतनमान देंगे, परंतु वह अपने वादा को भूल गए।


महासचिव बबलू सिंह ने कहा कि झारखंड की महागठबंधन की हेमंत सरकार स्थानीय लोगों के हित में नहीं बल्कि बाहरियों के इशारे पर गैर झारखंडियों के हित में कार्य कर रही है यदि झारखंद वासियों के बारे में तनिक भी सोचती तो पारा शिक्षक जो सत-प्रतिशत झारखंड ही है आज उनकी स्थिति दयनीय नहीं रहती। झारखंड राज्य गठन के पूर्व यहां के लोगों ने अनेकों सपना देखा था। परंतु वह सपना झारखंड सरकार की राजनीति ने मटिया मेट कर दिया, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपने हक और अधिकार के लिए चाहे जिस तरह का आंदोलन करना हो हम सड़क पर उतरेंगे। बैठक में कई जिला का प्रभार सौंपा गया है जिसमें बीरेंद्र प्रसाद यादव और रेशमा खातून गढ़वा, युगल किशोर और राजीव नयन चतरा, संजीत कुमार और अभिजीत कुमार कोडरमा जबकि जबकि चौपारण के सरयू राणा को हजारीबाग का प्रभार सौंपा गया है।
हजारीबाग में कार्यकारी जिला अध्यक्ष अरुण कुमार और उमेश कुमार को महासचिव बनाया गया है। सभी एक दूसरे से सामंजस्य बनाकर संगठन को मजबूती प्रदान करेंगे। निर्णय लिया गया के 11 और 12 अक्टूबर को जिला कमेटी अपने सुविधा अनुसार बैठक कर स्थानीय विधायक को मांग पत्र सौंपेंगे। 29 अक्टूबर से 4 नवंबर तक राज्य भर के सहायक अध्यापक अपने विद्यालयों में काला बिल्ला लगाकर सरकार के नीतियों का विरोध करेंगे। 5 नवंबर को पुणे रांची में बैठक की जाएगी। 10 नवंबर तक यदि सरकार वार्ता नहीं करवाई तो 15 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में रेशमा खातून, तिलेश्वरी देवी, संजीत कुमार, रविंद्र पासवान, प्रसाद महतो, राजीव नयन मिश्र, वीरेंद्र प्रसाद यादव, जय नाथ रवि, विमल प्रसाद यादव, सुखदेव महतो, करम लाल महतो, सूरज राम, आशीष रंजन विद्यार्थी, युगल किशोर प्रसाद, निर्मल कुमार सिंह,सरजू राणा समेत कई लोग शामिल थे।