Bihar Vidhan Sabha Election 2025: प्रशांत किशोर और ज्योति सिंह की बैठक ने बढ़ाई हलचल, सिर्फ मुलाकात या सियासी रणनीति?

Bihar Vidhan Sabha Election 2025: प्रशांत किशोर और ज्योति सिंह की मुलाक़ात से टेंशन में पवन सिंह, सिर्फ मुलाकात या सियासी रणनीति?

Bihar Vidhan Sabha Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Vidhan Sabha Election 2025) जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। दलों के भीतर गठजोड़ और समीकरण बदलने की आहट सुनाई देने लगी है। ऐसे में एक मुलाकात ने सियासी गलियारों में चर्चाओं की आंधी ला दी है— भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह (Pawan Singh) की पत्नी ज्योति सिंह (Jyoti Singh) की जनसुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से अचानक हुई मुलाकात। दोनों पक्षों ने इसे निजी और गैर-राजनीतिक बताया, लेकिन सवाल उठना स्वाभाविक है: क्या ये वाकई सिर्फ एक साधारण मुलाकात थी? या फिर इसके पीछे चुनावी बिसात पर कोई गहरी चाल छुपी है? मुलाकात की टाइमिंग, जगह और संदर्भ, सबकुछ बहुत कुछ कहता है! बस ज़रा ध्यान से सुनने की जरूरत है। आइए, इस पूरे घटनाक्रम को समझते हैं, जो आने वाले चुनावी परिदृश्य को भी प्रभावित कर सकते हैं।

पवन सिंह का पारिवारिक विवाद और वायरल वीडियो/Bihar Vidhan Sabha Election 2025

हाल ही में लखनऊ (Lucknow) स्थित पवन सिंह के घर के बाहर से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनकी पत्नी ज्योति सिंह (Jyoti Singh) रोती और भावुक अवस्था में दिखाई दीं। वीडियो के बाद पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद पर और पत्नी पर लगे आरोपों का खंडन किया। इस घटनाक्रम ने महज़ एक पारिवारिक विवाद को राजनीतिक विमर्श में तब्दील कर दिया। बिहार की राजनीति में इस वीडियो को महिला सम्मान और न्याय के मुद्दे से जोड़कर देखा जाने लगा। खासकर सोशल मीडिया पर ‘ज्योति को न्याय दो’ जैसे ट्रेंड्स ने इस मामले को एक जन-आंदोलन जैसा रूप देना शुरू किया। इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में ज्योति सिंह की प्रशांत किशोर से मुलाकात और भी अहम हो जाती है। अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह विवाद महज पारिवारिक है या इसे सियासी मोड़ देने की योजना बन चुकी है?

प्रशांत किशोर से मुलाकात: इत्तेफाक या रणनीति?

10 अक्टूबर को ज्योति सिंह की प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से हुई मुलाकात को दोनों पक्षों ने “निजी” और “गैर-राजनीतिक” बताया, लेकिन इसके पीछे के संभावित राजनीतिक संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खुद पीके ने कहा कि अगर किसी ने ज्योति को धमकाया या परेशान किया है तो जनसुराज पार्टी उनके साथ खड़ी होगी। वहीं ज्योति ने भी साफ किया कि उनका उद्देश्य चुनाव नहीं, बल्कि न्याय पाना है। फिर भी यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब बिहार चुनावी मोड में प्रवेश कर चुका है, और महिला वोट बैंक की अहमियत तेजी से बढ़ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात प्रशांत किशोर के लिए एक भावनात्मक नैरेटिव गढ़ने का मौका भी हो सकती है, जिससे उन्हें न केवल महिला वोटर तक पहुंच मिलेगी बल्कि एनडीए समर्थक राजपूत वोट बैंक में भी सेंध लग सकती है।

चुनाव लड़ेंगी ज्योति सिंह? सीटों पर चर्चा और संभावित रणनीति

सूत्रों के मुताबिक, जनसुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) ज्योति सिंह (Jyoti Singh) को भोजपुर या रोहतास जिले की किसी विधानसभा सीट से मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। अगर पवन सिंह आरा सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो रणनीति यह हो सकती है कि ज्योति किसी नजदीकी सीट से मैदान में उतरें ताकि महिला और राजपूत दोनों वोट बैंक को प्रभावित किया जा सके। कराकाट, नोखा, डेहरी जैसी सीटें अभी घोषित नहीं हैं, और 2020 में पवन-ज्योति ने कराकाट में एक साथ प्रचार किया था, जिससे उस क्षेत्र में ज्योति की उपस्थिति पहले से है। हालांकि पीके सार्वजनिक रूप से इसे पारिवारिक मामला बता रहे हैं, मगर विश्लेषकों का मानना है कि यह एक सूक्ष्म और लंबी रणनीति का हिस्सा हो सकता है— जिसमें निजी विवाद को सामाजिक न्याय के रूप में प्रस्तुत कर भावनात्मक और जातीय दोनों वोट बैंक साधे जाएं। यही राजनीतिक शतरंज की असल चाल हो सकती है।

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