Jyoti Singh In Politics: बिहार की राजनीति में अब एक नया और चौंकाने वाला नाम जुड़ गया है — भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी, ज्योति सिंह। पति से विवाद के बाद अब ज्योति सिंह ने राजनीति में उतरने का बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने एलान किया है कि वह काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। कुछ समय पहले उनकी मुलाकात प्रशांत किशोर और आरजेडी नेताओं से हुई थी, जिससे राजनीतिक समीकरणों की अटकलें तेज़ हो गई थीं। अब जब उन्होंने स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरने का निर्णय लिया है, तो सवाल यह है कि क्या ज्योति सिंह अपने दम पर काराकाट में नई राजनीतिक कहानी लिख पाएंगी?
निर्दलीय मैदान में उतरीं ज्योति सिंह — शुरू हुई नई सियासी जंग/Jyoti Singh In Politics
भोजपुरी पावरस्टार पवन सिंह (Pawan Singh) की पत्नी ज्योति सिंह (Jyoti Singh) ने काराकाट विधानसभा सीट (Karakat Assembly Seat) से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पति से चल रहे विवाद के बीच उनका यह कदम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्योति सिंह ने बिना किसी राजनीतिक दल के सहारे चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। इससे पहले अटकलें थीं कि वे जन सुराज या आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन दोनों ही विकल्पों पर बात आगे नहीं बढ़ पाई। अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी पार्टी के प्रतीक चिन्ह पर नहीं, बल्कि अपने नाम और पहचान के बल पर जनता के बीच जाएंगी।

काराकाट में पहले से तैयार थीं ज्योति — चला चुकी हैं जनसंपर्क अभियान
ज्योति सिंह (Jyoti Singh) का यह निर्णय अचानक नहीं है। दरअसल, अगस्त 2025 में उन्होंने तीन विधानसभा क्षेत्रों— काराकाट, नबीनगर और डिहरी— में जनसंपर्क अभियान शुरू किया था। खासकर काराकाट क्षेत्र, जो राजपूत बहुल इलाका है, वहां उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से संवाद किया और स्थानीय मुद्दों को समझा। इस दौरान ज्योति सिंह को जनता से अच्छा प्रतिसाद मिला था। यही कारण है कि अब वह इसी सीट से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने जा रही हैं। स्थानीय सूत्रों का मानना है कि काराकाट में उनके परिवार की पहचान और पवन सिंह की लोकप्रियता उन्हें शुरुआती बढ़त दिला सकती है।
प्रशांत किशोर से हुई थी मुलाकात, लेकिन राजनीति पर नहीं हुई बात/Jyoti Singh In Politics
कुछ दिन पहले ज्योति सिंह (Jyoti Singh) की मुलाकात जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से हुई थी, जिसके बाद कयास लगाए गए कि वे जन सुराज में शामिल हो सकती हैं। हालांकि, मुलाकात के बाद ज्योति ने खुद बताया कि वह अपने “भाई” प्रशांत किशोर से न्याय की गुहार लेकर गई थीं। उन्होंने कहा था कि उनके साथ जो हुआ, वैसा किसी और महिला के साथ न हो। वहीं, प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भी साफ़ किया कि ज्योति से किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने केवल यह भरोसा दिलाया कि अगर किसी ने उन्हें धमकाया या दबाव बनाने की कोशिश की, तो जन सुराज उनके साथ खड़ा रहेगा। इस तरह अब ज्योति सिंह ने राजनीति में अपना रास्ता खुद तय कर लिया है — बिना किसी संगठन या पार्टी के सहारे।