Shanghai-Delhi Flights Resume: भारत और चीन (India and China) के बीच लंबे समय से जमी बर्फ आखिरकार पिघलती नज़र आ रही है। पांच साल की रोक के बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर सीधी उड़ानें शुरू होने जा रही हैं। चीन की सरकारी एयरलाइन, चाइना ईस्टर्न, शंघाई से नई दिल्ली के बीच हफ्ते में तीन दिन फ्लाइट संचालित करेगी। यह कदम ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच संबंधों में कूटनीतिक गर्माहट लौटती दिखाई दे रही है। दिलचस्प बात यह है कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की चीन यात्रा और एससीओ सम्मेलन के बाद सामने आया है। क्या यह उड़ान सिर्फ यात्रा की बहाली है या भारत-चीन रिश्तों में किसी बड़े बदलाव का संकेत?
चाइना ईस्टर्न की बड़ी घोषणा/Shanghai-Delhi Flights Resume
चीन की सरकारी एयरलाइन चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस (China Eastern Airlines) ने भारत के लिए उड़ानें फिर से शुरू करने की घोषणा की है। यह घोषणा कंपनी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर की, जिसमें बताया गया कि 9 नवंबर से शंघाई और नई दिल्ली के बीच सीधी उड़ानें चालू होंगी। इन उड़ानों का संचालन सप्ताह में तीन दिन – बुधवार, शनिवार और रविवार को किया जाएगा। यह कदम पांच साल बाद दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क बहाल करेगा। कोविड-19 महामारी और सीमा विवाद के कारण यह मार्ग 2020 से बंद था। इस घोषणा के साथ ही व्यापार, शिक्षा और पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए राहत की खबर आई है, क्योंकि अब उन्हें हांगकांग या अन्य शहरों के माध्यम से यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।

पांच साल बाद फिर से उड़ानें शुरू
भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने इस महीने की शुरुआत में पुष्टि की थी कि भारत और चीन के बीच वाणिज्यिक उड़ानें पांच साल की रोक के बाद दोबारा शुरू होंगी। यह फैसला उस समय लिया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक के लिए चीन का दौरा किया था। यह यात्रा पिछले सात वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली चीन यात्रा थी। दोनों पक्षों के बीच इस दौरान व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत हुई। यह उड़ानें उसी संवाद का प्रत्यक्ष परिणाम मानी जा रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह पहल दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
इंडिगो पहले से चीन के लिए सक्रिय
जहां चाइना ईस्टर्न (China Eastern) अब भारत के लिए उड़ानें शुरू कर रही है, वहीं भारत की निजी एयरलाइन इंडिगो पहले से ही चीन के लिए अपनी सेवाएं दे रही है। इंडिगो ने हाल ही में कोलकाता-ग्वांगझू के बीच दैनिक नॉनस्टॉप फ्लाइट्स शुरू करने की घोषणा की थी। चीन के ग्वांगझू बैयुन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भी एयरलाइनों को दिल्ली और ग्वांगझू के बीच अधिक सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इंडिगो की यह पहल भारत और चीन के बीच व्यावसायिक यात्राओं और कारोबारी गतिविधियों को नया बल दे रही है। चाइना ईस्टर्न की नई उड़ानों के जुड़ने से अब दोनों देशों के बीच हवाई संपर्क और भी सहज और सुविधाजनक हो जाएगा।
कोविड और गलवान विवाद के बाद ठप उड़ानें
साल 2020 में जब कोविड महामारी ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया, तब भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें निलंबित कर दी गईं थीं। उसी साल गलवान घाटी में हुए संघर्ष ने दोनों देशों के रिश्तों में गहरी दरार डाल दी थी। सैन्य तनाव और सीमाई विवादों के चलते हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। इन परिस्थितियों में अब उड़ानों का दोबारा शुरू होना केवल परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का संकेत भी माना जा रहा है। हालांकि राजनीतिक और रणनीतिक मोर्चे पर मतभेद अभी भी कायम हैं, लेकिन यह पहल संवाद की नई राह खोल सकती है।
अमेरिका की नीतियों से नजदीक आए भारत-चीन
भारत-चीन संबंधों (India-China Relations) में यह नरमी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका की आक्रामक व्यापार नीतियां वैश्विक परिदृश्य को बदल रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारतीय आयात पर टैरिफ दर 50 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी और यूरोपीय संघ से चीन और भारत पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपील की थी। इन नीतियों को लेकर भारत और चीन दोनों ने अपने-अपने कूटनीतिक हितों के तहत आपसी सहयोग बढ़ाने का संकेत दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह उड़ान केवल यात्रा का जरिया नहीं, बल्कि एक नए भू-राजनीतिक संतुलन की शुरुआत भी हो सकती है, जो आने वाले समय में एशिया की रणनीतिक दिशा तय करेगा।