Chhoti Diwali Yam Deepak: दिवाली की रोशनी से ठीक एक दिन पहले आता है नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi), जिसे प्यार से ‘छोटी दिवाली’ कहा जाता है। यह दिन सिर्फ मिठाइयां बांटने या घर सजाने का नहीं, बल्कि इसमें एक विशेष यम दीप जलाने की परंपरा भी जुड़ी है। शास्त्रों के अनुसार, यह दीपक अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक है और घर में सकारात्मकता, समृद्धि और सुरक्षा लाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दीपक को कब जलाना है, कितने दीपक चाहिए, किस दिशा में रखना है और कौन सा तेल इस्तेमाल करना शुभ है? और क्या इसे सिर्फ नरक चतुर्दशी पर ही जलाना चाहिए या धनतेरस पर भी? आइए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से और जानें शास्त्रीय नियम, ताकि इस छोटी दिवाली को आप सही रीति से मना सकें।
इस साल नरक चतुर्दशी की तिथि/Chhoti Diwali Yam Deepak
इस साल नरक चतुर्दशी 2025 (Naraka Chaturdashi 2025) का पर्व 19 अक्टूबर (रविवार) को मनाया जाएगा। चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे समाप्त होगी। इस बार नरक चतुर्दशी और दिवाली दोनों 20 अक्टूबर को ही पड़ रहे हैं, जिससे उत्सव और भी खास बन जाता है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और यम दीप जलाकर अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रयास करते हैं। यह दिन धार्मिक आस्था और पारंपरिक परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है।

यम दीप जलाने का महत्व/Yam Deepak Jalane ka mahatva
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi) की रात यमराज की पूजा और दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। यम दीप अंधकार को दूर करने का प्रतीक है, सिर्फ बाहरी नहीं बल्कि भीतर के भय और नकारात्मकता को भी मिटाने का उपाय है। इसे जलाने से घर और परिवार में खुशहाली और सुरक्षा का वातावरण बनता है। दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना गया है और दीपक वहीं रखा जाना चाहिए।
यम दीप जलाने के नियम/Yam Deepak Jalane ke niyam
यम दीप जलाते समय इन शास्त्रीय नियमों का पालन करना शुभ माना गया है:
- दीपक कैसा हो: चौमुखी (चार बातियों वाला), मिट्टी या आटे का और सरसों के तेल से भरा हो।
- दिशा: दीपक सिर्फ दक्षिण दिशा में रखें।
- 14 छोटे दीपक: घर के अलग-अलग हिस्सों में जलाएं — पूजा घर, रसोई, पानी का स्थान, तुलसी के पास, मुख्य द्वार, छत और बाथरूम आदि।
- घर में घुमाएं: दीपक को जलाकर पूरे घर में घुमाएं ताकि रौशनी हर कोने तक पहुंचे। अंत में इसे घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें।
धनतेरस या नरक चतुर्दशी
कुछ परंपराओं में धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) को भी यम दीप जलाने की मान्यता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार नरक चतुर्दशी की शाम को दीपक l जलाना अधिक शुभ माना गया है। आप चाहें तो दोनों दिन दीपक जलाकर अधिक पुण्य भी कमा सकते हैं। इस परंपरा से न केवल धार्मिक विश्वास पूरा होता है, बल्कि यह घर और मन दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
आधुनिक जीवन में यम दीप का महत्व
नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi) पर यम दीप (Yam Diya) जलाना सिर्फ धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि ऊर्जा देने वाला प्रतीकात्मक कार्य है। यह हमें याद दिलाता है कि अंधकार चाहे भीतर हो या बाहर, उसे मिटाने का रास्ता सिर्फ रौशनी ही है। इस दिवाली, यम दीप जलाकर अपने घर को उजाला दीजिए और मन और जीवन से नकारात्मकता को दूर भगाइए। यह परंपरा आधुनिक जीवन में भी उतनी ही महत्वपूर्ण और सशक्त बनी हुई है।










