Bastar Olympics 2025 Kicks Off: छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग में युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को निखारने के लिए बस्तर ओलंपिक 2025 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) के मार्गदर्शन में गृह (पुलिस) और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन बस्तर की नई पहचान बनेगा। अब तक 7 जिलों से 3 लाख 91 हजार 289 खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है, जिनमें 1.63 लाख पुरुष और 2.27 लाख महिला खिलाड़ी शामिल हैं। यह संख्या बस्तर में खेल के प्रति बढ़ते उत्साह और सामाजिक समान भागीदारी को दर्शाती है। प्रतियोगिता केवल खेल तक सीमित नहीं, बल्कि शांति, पुनर्वास और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन रही है। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है…
बस्तर की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर लाने की पहल/Bastar Olympics 2025 Kicks Off
बस्तर ओलंपिक 2025 (Bastar Olympics 2025) का मुख्य उद्देश्य युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना और उनके भीतर निहित खेल प्रतिभा को पहचानना है। यह पहल केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास और संवाद का सेतु भी बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, “बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं है, यह विकास और खेल का संगम है, जहां युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं।” प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, कराटे, वेटलिफ्टिंग और हॉकी जैसे खेल शामिल हैं। इसमें न केवल आधुनिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय पारंपरिक खेलों के खिलाड़ियों को भी मंच मिलेगा। यह आयोजन बस्तर की खेल संस्कृति और युवा प्रतिभा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विशेष श्रेणियों और सामाजिक समावेशन की दिशा में पहल
बस्तर ओलंपिक में (Bastar Olympics) सिर्फ जूनियर (14-17 वर्ष) और सीनियर वर्ग ही नहीं, बल्कि विशेष श्रेणी के प्रतिभागियों- नक्सल हिंसा से दिव्यांग हुए व्यक्ति और आत्मसमर्पित नक्सली—को भी सम्मिलित किया जा रहा है। यह पहल खेल के माध्यम से पुनर्वास, पुनर्जीवन और सामाजिक एकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। प्रतियोगिताएं तीन स्तरों- विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित हो रही हैं। विकासखण्ड स्तर पर प्रतियोगिता 25 अक्टूबर से, जिला स्तर पर 5 नवम्बर से और संभाग स्तर पर 24 नवम्बर से आयोजित होगी। विजेताओं को नगद पुरस्कार, मेडल, ट्रॉफी और शील्ड प्रदान की जाएगी, और नगद राशि DBT के माध्यम से खिलाड़ियों के बैंक खाते में सीधे जमा होगी। संभागीय विजेताओं को “बस्तर यूथ आइकॉन” (Bastar Youth Icon) के रूप में प्रचारित किया जाएगा।
पुरस्कार, पहचान और खेल के माध्यम से सामाजिक संदेश
बस्तर ओलंपिक 2025 (Bastar Olympics 2025) का उद्देश्य केवल खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह खेल के माध्यम से शांति, सामाजिक चेतना और विकास का संदेश भी है। जिले और संभाग स्तर पर विजेताओं को पुरस्कार और मेडल देकर उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी जाएगी। यह पुरस्कार वितरण न केवल खिलाड़ियों की प्रेरणा बढ़ाएगा, बल्कि पूरे समाज में खेलों के महत्व को भी बढ़ावा देगा। संभाग स्तर के विजेताओं को “बस्तर यूथ आइकॉन” के रूप में प्रचारित कर उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। यह मॉडल पूरे देश में ‘स्पोर्ट्स फॉर पीस’ (Sports For Peace) के उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। आयोजन के माध्यम से युवा न केवल खेल कौशल में उत्कृष्टता हासिल कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और समुदायिक सहयोग का भी संदेश फैला रहे हैं।
शुभंकर, संस्कृति और बस्तर का उत्सव
बस्तर ओलंपिक 2025 (Bastar Olympics 2025) के लिए वन भैंसा और पहाड़ी मैना को शुभंकर (Mascot) बनाया गया है, जो बस्तर की जीवंतता और सामुदायिक शक्ति का प्रतीक हैं। यह आयोजन न केवल खेलों का उत्सव है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, सौहार्द और विकास का प्रतीक भी बन रहा है। प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे, और सामाजिक समरसता तथा पुनर्वास की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश देंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का मार्गदर्शन और विभागीय सहयोग इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। बस्तर ओलंपिक न केवल युवाओं को राष्ट्रीय मंच पर लाने का अवसर है, बल्कि यह खेल के माध्यम से शांति, विश्वास और समान भागीदारी की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। यह आयोजन बस्तर में नई सामाजिक चेतना और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन रहा है।










