Birsa Munda: आजसू पार्टी ने धरती आबा बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंड के 25वें स्थापना दिवस पर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जिला अध्यक्ष सचिन महतो ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन आदिवासी समाज व झारखंडी अस्मिता की प्रेरणा है; पार्टी उनके विचारों पर चलकर राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

जिला कार्यकारी अध्यक्ष अशोक महतो ने बताया कि स्थापना दिवस नए संकल्पों की प्रेरणा देता है; समृद्ध, सम्मानित और स्वाभिमानी झारखंड बनाना लक्ष्य है।
विरसा मुंडा कौन थे/Birsa Munda kaun the
बिरसा मुंडा एक महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के रांची जिले के उलियान गांव में हुआ था। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उन्हें अपने जमीन और जंगल के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई आंदोलन किए, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध ‘उलगुलान’ आंदोलन था। इस आंदोलन में उन्होंने आदिवासियों को अपने जमीन और जंगल के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। बिरसा मुंडा की गतिविधियों को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और 9 जून 1900 को जेल में उनकी मृत्यु हो गई।
बिरसा मुंडा की याद में झारखंड की राजधानी का नाम रांची से बदलकर बिरसा मुंडा नगर रखा गया है, और 15 नवंबर को उनके जन्मदिन को ‘बिरसा मुंडा जयंती’ के रूप में मनाया जाता है।










