डीआरडीए सभागार में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में पोषण मिशन 2.0 व SAAMAR अभियान के सफल क्रियान्वयन व संचालन को लेकर बैठक आयोजित…

आज डीआरडीए सभागार में उप विकास आयुक्त, श्रीमती स्मृता कुमारी की अध्यक्षता में पोषण मिशन 2.0 व SAAMAR अभियान के सफल क्रियान्वयन व संचालन को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु एजेंडावार विस्तृत समीक्षा की गई। तथा सभी संबंधित को संवेदनशील होकर कार्य करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, श्रीमती स्नेह कश्यप ने बताया कि पोषण मिशन 2.0 का उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की समस्या को दूर करना है, आंगनवाड़ी सेवा के तहत पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान देश में कुपोषण के समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। पोषण 2.0 के प्रमुख उद्देश्य हैं। मातृ पोषण, नवजात और शिशुओं के आहार और स्वास्थ्य पर ध्यान देना। गंभीर और अति गंभीर बच्चों की चिकित्सा और उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए आयुष पद्धतियों का इस्तेमाल करना। बौनापन, एनीमिया, कम वजन और कम वजन की समस्या को कम करना। रक्तल्पता से पीडित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सही खान-पान और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराना। मातृ और शिशु मृत्युदर को कम करना।

● जिला पोषण समिति के लिए दिशा-निर्देश..

  1. 13 जनवरी 2021 को जारी सुव्यवस्थित दिशानिर्देश के अनुसार आंगनवाड़ी सेवा के तहत पूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान देश में कुपोषण के समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। मिशन पोषण 2.0 के तहत पोषण संबंधी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हर लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत निर्धारित गुणवत्ता और पोषण मानकों के अनुसार पहुंचे।
  2. राज्य, जिला और गांव स्तर पर गुणवत्ता आश्वासन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर बहुत जोर दिया जा रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि पोषण स्थिति की निगरानी के लिए मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण मिशन 2.0 के कार्यान्वयन के लिए नोडल बिंदु के रूप में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की स्थापना की जायेगी। और पूरे जिले के गुणवत्ता मानक। हालाँकि विकलांग व्यक्तियों और अन्य लाभार्थियों को उपलब्ध कराए गए अधिकारों और सुविधाओं की सुरक्षा के लिए विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग / सामाजिक कल्याण सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण और स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों जैसे विशेष आमंत्रित व्यक्तियों को नामित कर सकता है।

प्रमुख हितधारक की भूमिका एवं जिम्मेदारी…

जिले के पोषण संबंधि परिणाम में सुधार लाने के लिए जिम्मेदार होंगे।

योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरक पोषण आहार की आपूर्ति और गुणवत्ता में सुधार, आंगनबाड़ियों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था और बुनियादी – न्यूनतम बुनियादी ढांचे की समीक्षा और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

पोषण संबंधी मुद्दों की कमी को दूर करने के लिए अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेगें।

सुनिश्चित करेंगे कि पूरक पोषण के लिए दिशानिर्देशों में निर्धारित पोषण मानदंडों के अनुरूप हो।

सभी आयु समूहों के लिए ऊर्जा, वसा और मैक्रो सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आहार विविधता, कृषि जलवायु क्षेत्रीय भोजन योजना दिशा-निर्देशों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

पिछली बैठक के कार्रवाई एवं प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा उपायुक्त के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में करेंगे।

प्रदर्शन के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

जिला समाज कल्याण एवं अन्य हितधारकों की भूमिका…

जिला पोषण समिति की बैठक संबंधि सभी प्रकार की कार्रवाई करेंगे।

पोषण संबंधित आंकड़ों का प्रबंधन, मूल्यांकन एवं विभिन्न विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर साझा करेंगे।

अंतर विभागीय सभी कार्यकर्त्ता के साथ समन्वय स्थापित कर क्षमता वर्धन करेंगे।

पूरक पोषाहार की सप्लाई एवं गुणवत्ता का प्रबंधन करेंगे।

पोषण संबंधित कार्ययोजना का क्रियान्वयन करेंगे।

सभी सेवाओं का सफल संचालन हेतु समय-समय पर निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे। वृद्धि निगरानी सुनिश्चित करने हेतु कार्यकर्त्ता का दक्षता वर्धन करेगे।

पोषण ट्रेकर और अन्य संबंधित आंकड़ों का समय पर संधारण सुनिश्चित करेंगे।

कुपोषण, एनीमिया का स्क्रिनींग एवं प्रबंधन करेंगे।

पोषण संवेदनशील को बढ़ावा देना, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिका का निर्माण करना। आदि पोषण कार्यक्रम में आयुष पद्धतियों का इस्तेमाल करना।

पोषण कार्यक्रम बेहतर क्रियान्वयन के लिए स्वंयसेवी संस्था का तकनीकी सहयोग लिया जाना आदि।

इसके अतिरिक्त उप विकास आयुक्त ने समर अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु संबंधित पदाधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करते हुए सफल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जिला को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है। इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत-प्रतिशत बच्चो की उपस्थिति तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध करायें। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों का नियमित वजन – माप करायें एवं कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों का सूची तैयार कर नजदीकी एमटीसी में स-समय भर्ती सुनिश्चित करायें। आगे उप विकास आयुक्त ने कहा ऐसे सभी घर जहां पर कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतियाँ, धात्री माता एवं गर्भवती महिलाएं होती है, उन्हें सरकार के विभिन्न विभागों के ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ा जायेगा, जिनका कुपोषण निवारण पर प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव होता है। अति गंभीर कुपोषित बच्चें जिन्हें चिकित्सीय जटिलता भी है उन बच्चे को MTS में भर्ती करना है एवम अन्य अति गंभीर कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में प्रबंधन करना है। साथ ही 9 प्रकार की दवाई दिया जाना है। सभी प्रतिभागियों को शत-प्रतिशत कुपोषित बच्चों की सूची का अद्यतन समर ऐप में करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारी संवेदनशील होकर कार्य करें।

Related posts

जिला पर्यटन संवर्धन समिति की बैठक संपन्न…

गिरिडीह नगर भवन में आज चौकीदार के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया

मणिपुर मे पोस्टेड सीआरपीएफ के एएसआई की सड़क हादसे मे मौत, पत्नी भी हुई घायल