Sudan Civil War : सूडान में मौत का तांडव जारी, सेना के हमले में 54 की मौत और 150 से अधिक लोग घायल

Sudan Civil War : उत्तर-पुर्वी अफ्रीकी देश सूडान में पिछले 2 सालों से चल रहे, मौत का सिलसिला अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था। इसका मुख्य कारण सेना और आरएसएफ के नेताओं में तनाव हैं। यह तनाव देखते ही देखते खुली मौत का खेल बनता गया ? देखा जाए तो सूडान की राजधानी खार्तूम साथ ही देश के अलग-अलग शहरों में फैलता गया। इस लड़ाई में अब तक अनुमानतः 28 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। लाखों लोग अपना ही घर को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. पता नहीं यह मौत का तांडव कब शांत होगा ।

उत्तर-पूर्वी अफ्रीकी देश सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच जारी लड़ाई के बीच एक बार फिर बड़ी हिंसा देखने को मिली है. इस बार यह हमला सूडान की सेना (पैरामिलिट्री) ओमदुरमन शहर में स्थित एक खुले बाजार में किया गया है। इस भयानक हमले में 54 लोगों ने आपनी आखिरी सॉस ली। इस हमले में 150 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबित यह हमला रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने सबरीन बाजार पर किया गया है। आपको बता दे कि सूडान में इस तरह का तांडव कोई नई बात नहीं है। यह पर कई सालों से गृहयुद्ध जारी है, जो कि संत होने का नाम नहीं ले रहा है। आम लोग देश छोड़ने के लिए मजबूर है।

अप्रैल 2023 में चालू हुआ था… मौत का दर्दनाक खेल!

देखा जाए तो सूडान में दर्द नाक हिंसा का सिलसिला अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था. इस दर्द नाक लड़ाई कारण सेना और आरएसएफ के नेताओं के बीच का तनाव है, जो कि देखते ही देखते ग्रह युद्ध में में बदल गया और सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के अन्य शहरों में भी फैलता चला गया। इस लड़ाई के प्रभाव में 28 हजार से अधिक लोग अपनी जान गवा चुके हैं, साथ ही लाखों लोग अपने घर-द्वार छोड़कर भागने को मजबूर हो गए हैं। अब हालत इतने खराब हो गए हैं, की कुछ परिवार जान बचने के लिए घास तक खाने के लिए मजबूर हो गए हैं, जो कि दर्शाता है, किस हाल में देश आज के दिन खड़ा हैं।

ये हैं…आरएसएफ का प्लान

ये बात साल 2021 अक्तूबर को हैं, जब सूडान में तख्तापलट के बाद देश का शासन जनरलों की काउंसिल चला रही है। उस काउंसिलिंग में दो अहम शस्त्र बलों के मुखिया जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके डिप्टी आरएसएफ के नेता जनरल मोहम्मद हमदान डागलो। सैन्य शासन के बाद जब देश के नागरिक सरकार की ओर बढ़ने लगा तो दोनों के बीच मतभेद उभरकर सामने आने लगे। आरएसएफ का प्लान था कि वह अपने एक लाख सदस्यों को सूडान की सेना में समाहित कर देगा, जिससे आरएसएफ ही नए बल का संचालन करेगा।

झूठे वर्चस्व के लिए देश को गृह युद्ध में झोंका

देखा जाए की. आखिरकार वह कौन सी वजह है, जिनके वजह से सूजन के लोगों को पिछले 2 वर्षों से गृह युद्ध का सामना कर रही है जी यह बात 2021 की है, जब सूडान मैं तख्ता पलट किया गया था। तब सूडान में दो प्रमुख के नेता सशस्त्र बल प्रमुख अब्दुल फतह अल बुरहान और एसआरएस के नेता जनरल मोहम्मद हमदान डागलो के बीच में मत भेद होने की वजह से पिछले दो वर्षों से सूडान में गृह युद्ध छिड़ा हुआ है। जिसकी वजह देश को आज यह दिन देखना पड़ रहा है।

आरएसएफ का प्लान सामने आने के बाद ही जनरल बुरहान का मानना था कि, वह देश में नागरिक शासन के समर्थक हैं, वह केवल जनता की चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपेंगे पर कुछ लोगों को यह आशंका थी, कि जनरल बुरहान के संबंध सत्ता से हटाए गए राष्ट्रपति फील्ड मार्शल उमार अल-बशीर से हैं। हालांकि, सूडान की सेना इससे कभी भी इत्तफाक नहीं कर रही थी। दूसरी ओर, यह भी आशंका जताई गई थी, कि ये दोनों ही जनरल देश पर अपनी-अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते थे और देश को अपने कंट्रोल में रखना चाहते थे क्योंकि इसके जरिए देश के खजाने और लोगों पर इनका सीधे तौर पर कब्जा रहेगा। वर्चस्व की इसी लालची चाहत के कारण पूरे सूडान में आरएसएफ के सदस्यों को एक बार फिर से तैनात कर दिया गया। सूडान की सेना ने इसे एक खतरे के रूप में देखते हुए पूरे देस में तैनात हो गई, फिर मिलिट्री और पैरामिलिट्री आमने-सामने आ गईं। इसका भुक्तान पूरे सूडान के रहवासियों को अपनी जान देके भुगतना पड़ रहा है।

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