रायबरेली : ऊंचाहार विधानसभा से विधायक मनोज पांडे को सपा ने पार्टी से निकाला, लगाए यह आरोप

ब्यूरो रिपोर्ट : शिवा मौर्य

जिले की ऊंचाहार विधानसभा के विधायक को समाजवादी पार्टी ने अपनी पार्टी से निकाल दिया है। जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्विटर हैंडल के माध्यम से यह जानकारी दी है, साथ ही अन्य तीन सपा विधायकों को भी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है। जिसमें गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह है और गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह है। सोमवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा निर्णय लिया है। यहां रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा के विधायक मनोज पांडे, गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह व अमेठी के गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने तीनों विधायकों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सांप्रदायिक और विभाजनकारी सियासत को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसान विरोधी महिला विरोधी युवा विरोधी और व्यापार विरोधी नीतियों का समर्थन करने को लेकर पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए तीनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया गया है।

निकाले गए विधायकों में ऊंचाहार के विधानसभा विधायक मनोज पांडे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए लिखा कि “बिन रघुनाथ अनाथ कहावा, जातिवादी, विभाजनकारी सोचयुक्त, सनातन विरोधी विकास विरोधी और हिंदू देवी देवताओं के आस्था का मान मर्दन करने वाली, प्रभु राम पर अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को घोषित पल्लवित करने वाली पार्टी का हास्यास्पद बयान हतप्रभ कर देने वाला है। जिस पार्टी द्वारा भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अपमान को सहन कर पाने की वजह से स्वयं ही पिछले वर्ष को भारत के गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में प्रभु राम का सम्मान करने वाली भाजपा में शामिल हो चुका था, तो आखिर अब कैसा निष्कासन रही बात अनुग्रह की तो मनोज पांडे की उत्पत्ति जन सेवा मानव मात्र सम्मान गरीब और पीड़ित उत्थान एवं अत्याचार के प्रबल विरोध से है। ऊंचाहार की जनता द्वारा किसी परिवार में जन्म लेने की वजह से नहीं है रही बात दलित सूचित पिछड़ों के अधिकार व सम्मान की तो उनकी सेवा ही मनोज पांडे के जीवन का मूल मंत्र है और उसे केवल भाजपा ही कर रही है रही बात अंतरात्मा की तो उसी की जागे की जिसकी जीवित हो, यह पोस्ट लिखकर गृहमंत्री अमित शाह के साथ अपनी तस्वीर भी वायरल किया है। समाजवादी पार्टी के हैंडल से पोस्ट किए गए बयान में लिखा गया कि समाजवादी पार्टी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीतिक के विपरीत सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता के चलते जनहित में इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है। पार्टी ने आगे कहा कि इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गई अनुग्रह अवध की समय सीमा पूर्ण हुई है। शेष की समय सीमा अच्छे व्यवहार के कारण से भविष्य में भी जन विरोधी लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएगी। समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया कि वह अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी, पार्टी ने यह भी कहा कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी निष्कासित विधायकों को सुधारने का पूरा मौका दिया गया था लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे।

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