एकता का प्रतीक जरैली कोठी दरगाह का 152वां एक दिवसीय वार्षिक उर्स 10 फरवरी 2024 को मनाया जायेगा

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 फरवरी 2024 को पुलिस लाइन तिराहे के पास स्थित जरैली कोठी दरगाह में हज़रत सैय्यद शहीद बाबा रह• अलै• का कदीमी (परम्परागत) उर्स मनाया जाएगा। उर्स में फातिहा ख्वानी कुरआन ख्वानी, चादर पोशी के साथ-साथ शाकाहारी लंगर (भंडारे ) का इंतज़ाम किया जाएगा। जानकार बताते है, कि इस दरगाह में पहली चादर पुलिस अधीक्षक, बाँदा या उनके प्रतिनिधि/ पुलिस लाइन के किसी अधिकारी द्वारा चढ़ाई जाती रही हैं।

दरगाह कमेटी के अध्यक्ष इकबाल अहमद ने बताया कि जैरैली कोठी वाले सैय्यद बाबा का उर्स लगभग 151 वर्षों से हो रहा है। हर साल की तरह इस साल भी शनिवार को उर्स का आयोजन किया जा रहा है। उर्स में सुबह से ही फातिहा पढ़ने, चादर चढ़ाने और मन्नत मांगने वालों का तांता लगेगा। हिन्दू मुस्लिम दोनों ही धर्म के मानने वाले बड़ी संख्या में अकीदतमंद दरगाह पर माथा टेकने पहुंचेंगे, साफ-सफाई, पानी, सुरक्षा व शांति व्यवस्था के लिये संबंधित अधिकारियों से बात कर ली गई है, उनको बता दिया गया है।
दरगाह कमेटी के मेंबर आरिफ खाँन ने बताया कि दरगाह परिसर में कुरआन ख्वानी होगी, दोपहर में फातिहा होगी। इसके बाद लंगर (भंडारे ) का आयोजन किया जाएगा। जिसमें हिन्दू समाज के बहन भाइयों का ध्यान रखते हुए शाकाहारी लंगर और व्रत वाले लोगों के लिए जूस और फल वगैरह का इंतज़ाम भी किया गया है। रात में 8 बजे महफिलें समा का आयोजन होगा। जिसमें कव्वाल पार्टियों द्वारा खानकाही कव्वालियां सुनाई जाएंगी। सुबह कुल की फातिहा होगी। इसी के साथ जरैली कोठी वाले सैय्यद शहीद बाबा का उर्स सम्पन्न होगा ।

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