Raebareli News : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के बछरावा थाना क्षेत्र अंतर्गत शेखपुर समोधा गांव में आज एक दुर्लभ और अत्यधिक जहरीले रसेल वाइपर सांप के दिखने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने सतर्कता बरतते हुए तुरंत वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के सहयोग से कड़ी मशक्कत के बाद सांप को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया। यह घटना गांव के ऐनम सेंटर के पास घटी, जहां सांप की उपस्थिति से आसपास के लोग दहशत में आ गए।
घटना दोपहर करीब 2 बजे की बताई जा रही है, जब गांव के कुछ ग्रामीण ऐनम सेंटर के आसपास कामकाज में व्यस्त थे। अचानक एक ग्रामीण को झाड़ियों में कुछ हिलता हुआ दिखा, जिसे देखते ही सबके होश उड़ गए। सांप की लंबाई करीब 4-5 फुट बताई जा रही है, और इसका रंग भूरा होने के कारण शुरुआत में इसे अजगर समझ लिया गया। लेकिन स्थानीय लोगों ने तुरंत पहचान लिया कि यह रसेल वाइपर प्रजाति का जहरीला सांप है, जो एशिया के सबसे घातक सांपों में शुमार है। इसके काटने से 15-20 मिनट के अंदर मौत हो सकती है, और भारत में हर साल सैकड़ों मौतें इसी सांप के कारण दर्ज की जाती हैं।

ग्रामीणों ने घबराहट के बीच एक-दूसरे को सतर्क किया और फौरन वन विभाग को फोन कर सूचना दी। सूचना मिलते ही बछरावा थाना क्षेत्र के वन विभाग की टीम, जिसमें वन रेंजर अजय कुमार और उनके सहयोगी शामिल थे, मौके पर पहुंच गई। टीम ने ग्रामीणों को पीछे हटने की सलाह दी और विशेष उपकरणों का उपयोग करते हुए सांप को पकड़ने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान गांव के युवा कमल तिवारी और धर्मेंद्र चौरसिया ने विशेष रूप से सक्रिय भूमिका निभाई। दोनों ने वन विभाग की टीम को हर कदम पर सहयोग दिया, सांप को उकसाए बिना घेराबंदी की और अंततः उसे सुरक्षित रूप से जाल में फंसाने में सफल रहे। कमल तिवारी ने बताया, “सांप बहुत चालाक था, लेकिन हमने सावधानी बरती और टीम के साथ मिलकर इसे पकड़ लिया। गांव में बच्चे और बुजुर्ग हैं, इसलिए जोखिम नहीं लेना चाहते थे।”
वन विभाग के वन रेंजर अजय कुमार ने बताया कि रसेल वाइपर एक खतरनाक प्रजाति है, जो मुख्य रूप से खेतों, नदियों के किनारे और जंगली इलाकों में पाया जाता है। यह सांप त्रिकोणीय सिर और भूरे धब्बों वाला होता है, जो इसे अन्य सांपों से अलग करता है। टीम ने सांप की प्रारंभिक जांच की, जिसमें पुष्टि हुई कि यह पूरी तरह स्वस्थ है। इसे जंगल के एक सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ दिया गया ताकि यह मनुष्यों के संपर्क में न आए। रेंजर ने ग्रामीणों को सलाह दी कि सांप दिखने पर कभी खुद से छेड़छाड़ न करें और तुरंत विशेषज्ञों को बुलाएं। उन्होंने कहा, “मौसम बदलने के साथ ऐसे सांपों की सक्रियता बढ़ जाती है। हम जागरूकता अभियान चलाएंगे ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।”
यह घटना ग्रामीण इलाकों में सर्पदंश की समस्या की ओर इशारा करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, रसेल वाइपर के विष से प्रभावित व्यक्ति को तुरंत एंटी-वेनम इंजेक्शन दिया जाना चाहिए, अन्यथा किडनी फेलियर या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। शेखपुर समोधा जैसे गांवों में कृषि कार्यों के दौरान सावधानी बरतना जरूरी है। स्थानीय प्रशासन ने वन विभाग के साथ मिलकर आसपास के गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।
गांव वालों ने वन विभाग और सक्रिय ग्रामीणों की सराहना की, लेकिन इस घटना ने सबको सतर्क कर दिया है। कमल तिवारी और धर्मेंद्र चौरसिया को ग्रामीणों ने नायक मानते हुए उनका स्वागत किया। फिलहाल इलाके में शांति है, लेकिन सांपों के मौसम में सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।










