Basic Education Department In Raebareli : जनपद रायबरेली की बेसिक शिक्षा विभाग का बेहद निराशाजनक प्रदर्शन

Basic Education Department In Raebareli : उत्तर प्रदेश के जनपद रायबरेली में बेसिक शिक्षा विभाग का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक साबित हो रहा है। महानिदेशक बेसिक शिक्षा के स्पष्ट आदेशों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी और स्कूलों के हेडमास्टर ऑनलाइन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज करने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, कुल 2307 स्कूलों में 1,87,086 छात्र-छात्राओं में से मात्र 14,983 की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की गई है, जो मात्र 8.01 प्रतिशत है। यह आंकड़ा न केवल विभाग की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के दावों पर भी सवाल खड़े करता है।

जिम्मेदार अधिकारी और हेडमास्टर नहीं मान रहे महानिदेशक का आदेश

महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने हाल ही में जारी निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा था कि सभी परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं की दैनिक उपस्थिति सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से अनिवार्य रूप से ऑनलाइन दर्ज की जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य वास्तविक समय में छात्रों की हाजिरी की निगरानी करना और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। लेकिन रायबरेली जनपद में यह आदेश कागजों तक सीमित रह गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अधिकांश ब्लॉकों में खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) ने इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “महानिदेशक के आदेश की अनदेखी कर जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे हैं। कई हेडमास्टरों ने तकनीकी खराबी या नेटवर्क की समस्या का हवाला देकर टालमटोल की कोशिश की, लेकिन यह बहाने अब पुराने हो चुके हैं।” प्रदेश स्तर पर भी यही समस्या देखने को मिल रही है, जहां कुल 1.28 करोड़ छात्रों में से मात्र 16.79 प्रतिशत की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज हुई है। रायबरेली का प्रदर्शन इससे भी बदतर है, जो पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है।

रायबरेली: ऑनलाइन छात्र-छात्रा उपस्थिति नहीं भेज रहे हेडमास्टर

जनपद के 2307 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में से सैकड़ों के हेडमास्टर अब तक एक भी उपस्थिति ऑनलाइन अपलोड नहीं कर पाए हैं। जिले के सलोन, महराजगंज, डलमऊ और चिन्हाट जैसे ब्लॉकों में स्थिति सबसे खराब है, जहां 70 प्रतिशत से अधिक स्कूलों ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है। हेडमास्टरों का तर्क है कि टैबलेट और इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा, लेकिन विभागीय सर्वे में पाया गया कि अधिकांश स्कूलों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं।

एक हेडमास्टर ने बताया, “हमारी प्राथमिकता छात्रों को पढ़ाना है, न कि डिजिटल फॉर्म भरना। ऊपर से आने वाले आदेशों का बोझ बढ़ रहा है।” हालांकि, यह बहाना जिम्मेदारों को माफ नहीं किया जा सकता। हाल ही में प्रयागराज हाईकोर्ट ने भी शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति को अनिवार्य करने का आदेश दिया था, जिसके बाद विभाग ने सख्ती बरतने का वादा किया था। लेकिन रायबरेली में यह सख्ती दिखाई नहीं दे रही।

आंकड़ों की मार्मिक तस्वीर: कुल स्कूल 2307, छात्र-छात्रा 1,87,086, लेकिन उपस्थिति मात्र 8.01%
विभागीय डैशबोर्ड से प्राप्त नवीनतम आंकड़े रायबरेली की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हैं:

  • कुल स्कूल : 2307
  • कुल छात्र-छात्रा : 1,87,086
  • ऑनलाइन दर्ज उपस्थिति : 14,983
  • उपस्थिति प्रतिशत : 8.01%

ये आंकड़े 27 अक्टूबर तक के हैं, जब विभाग ने विशेष अभियान चलाकर उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास किया था। फिर भी, यह प्रतिशत प्रदेश के औसत (16.79%) से आधा भी नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत छात्रों के हक पर सवाल उठेंगे। एक एनजीओ ने तो इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी है।

विभाग की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल सिंह ने कहा, “हम इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं। अगले 48 घंटों में सभी स्कूलों को नोटिस जारी की जाएंगी और दोषी हेडमास्टरों के खिलाफ मानव संपदा पोर्टल पर कार्रवाई की जाएगी।” इसी तरह, अन्य जिलों जैसे मिर्जापुर में 1075 स्कूलों को चेतावनी दी गई है, जहां कुल 1809 स्कूलों में से केवल 734 ने उपस्थिति दर्ज की। रायबरेली में भी यही कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. अनुराग तिवारी का कहना है, “ऑनलाइन उपस्थिति न केवल निगरानी का माध्यम है, बल्कि ड्रॉपआउट दर को कम करने का भी। यदि हेडमास्टर जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, तो पूरा सिस्टम प्रभावित होगा।” प्रदेश सरकार ने 2025-26 सत्र से डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन रायबरेली जैसे जिलों का पिछड़ापन इसे चुनौती दे रहा है।

Other Latest News

Leave a Comment