Bahraich Boat Accident : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के घने जंगलों से घिरे भरथापुर गांव के पास कौड़ियाला नदी में पांच दिन पहले हुए नाव हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक की लहर में डुबो दिया है। 29 अक्टूबर को बाजार से लौटते समय नाव पर सवार 22 लोगों में से एक 60 वर्षीय महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग किसी तरह रात के अंधेरे में जान बचाने में सफल रहे। लेकिन आठ लोग—जिनमें पांच मासूम बच्चे, एक महिला और दो पुरुष शामिल हैं—नदी की तेज धारा में बह गए थे। चार दिनों तक चले व्यापक बचाव अभियान के बावजूद किसी का सुराग नहीं लग सका था, जिससे आशंका जताई जा रही थी कि सभी की मौत हो चुकी होगी। नदी में घड़ियालों का बसेरा होने के कारण खतरा और बढ़ गया था।
आज तीसरे दिन भी नदी से दो शव बरामद हो चुके हैं, जिसकी पुष्टि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। एक शव पहले ही मिल चुका था, जबकि आज दो और शवों की बरामदगी से मृतकों की संख्या तीन हो गई है। बाकी पांच लोगों की तलाश अभी भी जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की संयुक्त टीमें दिन-रात नदी में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन नदी की गहराई और तेज बहाव के कारण चुनौतियां बरकरार हैं। परिवारजन नदी किनारे बने अस्थायी शिविरों में बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं।

हादसे का विवरण: पेड़ की डाल से टकराई नाव, पलटी और बह गई जिंदगियां
हादसा 29 अक्टूबर की शाम करीब 6 बजे हुआ था। पड़ोसी लखीमपुर खीरी जिले के खैरतिया गांव के 22 ग्रामीण भरथापुर गांव के पास स्थित बाजार से खरीदारी करके नाव से लौट रहे थे। नाव नदी के किनारे पड़ी एक डूबी हुई पेड़ की डाल से टकरा गई, जिससे संतुलन बिगड़ गया और नाव पलट गई। तेज धारा में कई लोग बहने लगे। स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र की नदियां—जैसे गेरुआ और कौड़ियाला—घने जंगलों से घिरी हुई हैं और पहुंचना बेहद मुश्किल है। भरथापुर गांव को 1834 से राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोग नाव पर ही निर्भर हैं, जिससे ऐसे हादसे आम हैं।
मौके पर पहुंची बचाव टीमों ने 13 लोगों को सुरक्षित निकाला, लेकिन आठ लोग लापता हो गए। लापता लोगों में पांच बच्चे (उम्र 5 से 12 वर्ष के बीच), एक महिला और दो युवा पुरुष शामिल हैं। एक 60 वर्षीय महिला की डूबने से मौत हो गई थी। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
सीएम योगी की हवाई सर्वेक्षण और तत्काल राहत के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल संज्ञान लिया। 2 नवंबर को उन्होंने हेलीकॉप्टर से हादसे वाली जगह का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया। सीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर राहत कार्यों को गति देने के निर्देश दिए हैं।”
आज 3 नवंबर को सीएम योगी ने भरथापुर गांव पहुंचकर लापता और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना दी और कहा, “सरकार हर कदम पर आपके साथ है। यह दुख की घड़ी है, लेकिन हम मिलकर इसे पार करेंगे।” उन्होंने लापता आठ लोगों के प्रत्येक परिवार को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। मृतकों के परिजनों को भी यही राशि प्रदान की जाएगी। अब तक दो शवों के बरामद होने से दो परिवारों को यह सहायता मिल चुकी है।
गांव विस्थापन का ऐतिहासिक फैसला: 21.65 करोड़ की धनराशि जारी
हादसे के बाद सबसे बड़ा कदम उठाते हुए सीएम योगी ने भरथापुर गांव के सभी ग्रामीणों को विस्थापित करने और सुरक्षित स्थान पर बसाने का ऐतिहासिक फैसला लिया। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर गांव के सभी निवासियों को अन्य जगह जमीन उपलब्ध कराकर बसाया जाएगा। नए कॉलोनी में मूल गांव के नाम पर बसावट होगी, जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं— बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र—उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, ग्रामीणों की जमीनों के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा।
इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने तत्काल 21 करोड़ 65 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है। सीएम ने निर्देश दिए कि बहराइच के अन्य प्रभावित गांवों, जैसे इसी तरह के जोखिम वाले इलाकों के निवासियों की भी पहचान की जाए और उनका विस्थापन प्रक्रिया शुरू हो। अधिकारियों को बजट प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके।
जारी बचाव कार्य और भविष्य की चिंताएं
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अब भी नदी में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। स्थानीय गोताखोरों की मदद से ड्रोन और अन्य तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। लेकिन नदी की गहराई (करीब 20-30 फीट) और घड़ियालों की मौजूदगी से खतरा बना हुआ है। परिवारजन चिंतित हैं कि बाकी शवों का पता न चलने से अंतिम संस्कार में देरी हो रही है।
यह हादसा क्षेत्र की विकास की कमी को उजागर करता है। भरथापुर जैसे दूरदराज गांवों में पुलों और सड़कों का अभाव है, जिससे नाव ही एकमात्र साधन रह जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के विस्थापन फैसले से न केवल जानें बचेंगी, बल्कि क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
सीएम योगी ने अंत में कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कोई भी गांव ऐसा न रहे जहां जान का खतरा हो। उत्तर प्रदेश सुरक्षित और समृद्ध बनेगा।” राहत कार्यों की निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की गई है, और अपडेट के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।










