Children Infected With HIV In Chaibasa: झारखंड (Jharkhand) के चाईबासा (Chaibasa) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को हिला दिया है। यहां एक सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को कथित तौर पर एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने का आरोप लगा है। जांच के लिए रांची से विशेष मेडिकल टीम चाईबासा (Chaibasa Medical Team) पहुंची है और प्रारंभिक जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि ब्लड बैंक की लापरवाही से और भी बच्चे एचआईवी संक्रमण की चपेट में आ गए हो सकते हैं। सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंचकर अस्पताल और ब्लड बैंक का निरीक्षण कर रहे हैं।
आरोपों से हिला चाईबासा जिला/Children Infected With HIV In Chaibasa
पश्चिमी सिंहभूम (West Singhbhum) जिले के चाईबासा में स्थानीय ब्लड बैंक पर गंभीर आरोप लगे हैं। यहां थैलेसीमिया से पीड़ित सात वर्षीय बच्चे को कथित रूप से एचआईवी संक्रमित (HIV Infected Patient) व्यक्ति का खून चढ़ाया गया। जिला सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माझी ने बताया कि बच्चे की एचआईवी जांच एक सप्ताह पहले हुई थी, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। मामला सामने आने के बाद रांची से पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए शनिवार को चाईबासा पहुंची। यह घटना शुक्रवार को तब सुर्खियों में आई जब बच्चे के परिवार ने ब्लड बैंक पर संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप लगाया। परिजनों के मुताबिक, बच्चे को अब तक करीब 25 यूनिट खून चढ़ाया जा चुका है। जांच टीम इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संक्रमण वास्तव में कैसे फैला।

जांच दल का निरीक्षण और शुरुआती निष्कर्ष
सरकार की ओर से गठित जांच समिति ने चाईबासा के सदर अस्पताल और ब्लड बैंक का दौरा किया। सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माझी (Sushanto Majhi) ने बताया कि जांच अभी जारी है, इसलिए विस्तृत जानकारी देना जल्दबाजी होगी। इस बीच जिला प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीनू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्थानीय समिति का गठन किया गया है, जो अपने निष्कर्ष जल्द पेश करेगी। स्वास्थ्य विभाग ने उन सभी रक्तदाताओं के नमूनों की दोबारा जांच कराने का आदेश दिया है, जिनका रक्त थैलेसीमिया पीड़ित (Thalassemia sufferers) बच्चों को चढ़ाया गया था। प्रारंभिक स्तर पर यह भी देखा जा रहा है कि संक्रमण के अन्य संभावित कारण — जैसे सुई या इंजेक्शन का दोबारा उपयोग — कहीं जिम्मेदार तो नहीं।
जांच में और चार बच्चे भी एचआईवी पॉजिटिव
मामला और गंभीर तब हो गया जब रांची से आई विशेष मेडिकल टीम की जांच में चार और थैलेसीमिया (Thalassemia) पीड़ित बच्चों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार (Dr. Dinesh Kumar) के नेतृत्व में टीम ने सदर अस्पताल के ब्लड बैंक और पीकू वार्ड का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि निरीक्षण में कई खामियां पाई गई हैं, जिन्हें एक सप्ताह के भीतर दूर करने का निर्देश दिया गया है। टीम ने इलाजरत बच्चों के परिजनों से भी बातचीत कर पूरी जानकारी ली। अब इस बात की पुष्टि के लिए रिपोर्ट रांची स्थित स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाएगी। फिलहाल जिले में 515 एचआईवी पॉजिटिव और 56 थैलेसीमिया मरीज दर्ज हैं।
जांच रिपोर्ट से तय होगी जिम्मेदारी
विशेष मेडिकल टीम में डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. शिप्रा दास, डॉ. एस.एस. पासवान, डॉ. भगत, सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी, डीएस डॉ. शिवचरण हासदा और डॉ. मीनू कुमारी शामिल थे। टीम ने निरीक्षण के दौरान ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि दोषियों की पहचान होने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, परिजनों ने न्याय और दोषियों को सजा की मांग की है। यह मामला न केवल स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि राज्यभर के ब्लड बैंकों की सुरक्षा मानकों पर भी गहरी चिंता जताता है। जांच रिपोर्ट के बाद ही यह तय हो पाएगा कि यह लापरवाही थी या सिस्टम की बड़ी चूक।










