Christian Believer : आज रविवार अपराह्न 3:00 बजे संत अंथोनी चर्च के सभी ईसाई धर्मावलंबियों ने धनबाद, जोड़ा फाटक स्थित कब्रिस्तान में अपने मृत परिवार के सदस्यों एवं प्रियजनों को याद करते हुए कब्र में फूल चढ़ाया और मोमबत्तियां जलाकर उनकी स्मृति में प्रार्थना की। कैथोलिक ईसाई प्रत्येक वर्ष 2 नवंबर को ऑल सोल डे’ अर्थात मृत आत्माओं का दिन के रूप में मनाते हैं।
इस दिन कब्रिस्तान में अपने प्रियजनों के कब्र पर फूल चढ़ाकर और मोमबत्तियां जलाकर दिवंगत आत्माओं के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करते हैं। उनकी मृत आत्मा जो अभी परमेश्वर की शांति की प्रतीक्षा में है की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं ताकि मृत्यु के बाद जीवन, ईश्वर की दया से स्वर्ग में प्रवेश पाने में सहायता मिल सके क्योंकि ईसाई धर्मावलंबियों का यह मानना है कि मृत्यु अंत नहीं है बल्कि एक नए जीवन का आरंभ है।

आज का दिन अपने मृत प्रियजनों को याद करने और सम्मान देने का दिन है। आज के विशेष दिन के उपलक्ष में जोड़ा फाटक स्थित कब्रिस्तान में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख फादर अमातुस कुजूर ने अपने उपदेश में कहा हमारा ख्रीस्तीय विश्वास यह सिखाता है की मृत्यु जीवन का अंत नहीं है बल्कि यह तो जीवन की शुरुआत है। हम यह जानते हैं कि हमारे परिवार से हमारे प्रियजन हमें छोड़कर इस संसार से चले गए हैं लेकिन हमारे विश्वास के अनुसार वे मरे नहीं है। उनका शरीर भले ही इस मिट्टी के अंदर दफन है और खत्म हो चुका है लेकिन उनकी आत्मा प्रभु यीशु में जीवित है। उनके जीवित होने के इसी विश्वास के कारण आज हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं, अगर हम यह विश्वास नहीं करते तो हमें यहां आने की कोई आवश्यकता नहीं थी। हमारे ख्रीस्तीय विश्वास के कारण हम यह मानते हैं की मृत्यु उपरांत हमारे जो भी परिवारजन हमसे विदा हो गए हैं। वह पिता ईश्वर के साथ उनकी दाहिनी ओर विराजमान हैं और आध्यात्मिक रूप से जीवित हैं।

आज हम इसी बात की घोषणा करने के लिए यहां इतनी भारी संख्यां में एकत्रित हुए हैं कि हमारे भाई, हमारी बहन, हमारे परिवारजन आज भी हमारे साथ प्रभु यीशु में जीवित हैं। आज हम यहां मृत्यु की घोषणा नहीं बल्कि मृत्यु के बाद उस अनंत जीवन की घोषणा करने आए हैं। हम यहां दिखाने आए हैं की मृत्यु शरीर को मिट्टी में मिला सकती है लेकिन आत्मा को कभी भी नहीं। कॉयर ग्रुप द्वारा शांति सोए एवं रिशु सुरीन के नेतृत्व में आज की प्रार्थना सभा को मधुर गीतों से सजाया गीत के बोल थे “मेरी आत्मा सुन प्रभु को धन्य कहो प्रभु तेरे सब पाप क्षमा करता है। अंत में फादर अमातुस कुजूर द्वारा सभी कब्रों की अशीषित जल द्वारा आशीष की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में जॉन कैंप आदि एवं चर्च कमिटी के सदस्य शिशिर प्रभात तिर्की का सराहनीय भूमिका रही।










