Dhirendra Shastri On Diwali Crackers: देश में जैसे ही दीवाली (Diwali) का त्यौहार नजदीक आता है, पटाखे (Crackers) जलाने को लेकर हर साल बहस छिड़ जाती है। इस बार भी पर्यावरण प्रेमी पटाखे कम जलाने की अपील कर रहे हैं, लेकिन बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) ने इस बहस पर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि दूसरों के त्योहार पर ज्ञान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने ताजिया और बकरीद जैसे त्योहारों को लेकर भी तीखा बयान दिया और सांप का हम तो पटाखे जरुर पढ़ेंगे हमें किसी की सलाह नहीं चाहिए, आइए जानते हैं कि बाबा बागेश्वर ने इस बयान में और क्या कहा।
दीवाली पर ज्ञान देने को लेकर नाराजगी/Dhirendra Shastri On Diwali Crackers
बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) ने दीवाली (Diwali) पर पटाखे जलाने को लेकर हो रही बहस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि पटाखों के कारण प्रदूषण होता है और दीवाली में उन्हें कम जलाना चाहिए। लेकिन केवल दीवाली के अवसर पर लोगों को ज्ञान देने की आवश्यकता नहीं है। उनका स्पष्ट संदेश था कि दूसरे मजहब के लोग दीवाली पर ज्ञान न दें, जैसे कि हम उनके बकरीद और ताजिया (Bakrid and Tazia) पर कोई ज्ञान नहीं देते। बाबा ने यह भी कहा कि अभिनेता या अन्य लोग भी दीवाली पर लोगों को कोई संदेश देने की कोशिश न करें। उनका कहना है कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता का मुद्दा है और हम अपने त्योहार को अपनी परंपरा के अनुसार मनाएंगे।

पटाखों के संबंध में स्थिति साफ की
बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) ने यह भी कहा कि वे पटाखे जलाने के विरोधी नहीं हैं, लेकिन केवल प्रदूषण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सावधानी बरतना जरूरी है। उनका संदेश था कि दीवाली (Diwali) पर अधिक ज्ञान देने वाले लोग केवल बहस को बढ़ावा देते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि लोग अपनी मर्यादा और समझदारी से त्योहार मनाएं। बाबा ने स्पष्ट किया कि वे व्यक्तिगत और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को महत्व देते हैं और किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आएंगे। उनका कहना है कि हमारी परंपरा और रीति-रिवाजों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, इसलिए वे दीवाली पर अपने तरीके से पटाखे फोड़ेंगे और अन्य त्योहारों पर भी समान सम्मान की उम्मीद करेंगे।
‘I Love Muhammad’ विवाद पर स्पष्ट जवाब
इसके पहले बाबा बागेश्वर ने ‘I Love Muhammad’ विवाद पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें न ‘I Love Muhammad’ और न ही ‘I Love Mahadev’ से कोई परेशानी है। उनका विरोध केवल ‘सर तन से जुदा’ जैसे कट्टरपंथी विचारों के खिलाफ है। बाबा ने बताया कि यह कट्टरपंथ अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं और अभी भी कहीं छिपे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी धार्मिक भावना का अपमान नहीं होना चाहिए और सभी को अपने-अपने विश्वास का सम्मान करना चाहिए। इस बयान से बाबा ने स्पष्ट किया कि उनका मुद्दा केवल कट्टरता और असहिष्णुता के खिलाफ है, जबकि सामान्य धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर उनका कोई विरोध नहीं है।










