Diwali Celebrated In Beijing : दिवाली के दीयों की रोशनी और जगमगाहट के साथ बीजिंग में दीपों का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। चीन की राजधानी बीजिंग में प्रवासी भारतीयों के समूह “बीजिंग इंडियंस कम्युनिटी” ने दिवाली के उपलक्ष्य में एक ज़ोरदार कार्यक्रम का आयोजन किया।
शनिवार को आयोजित इस सांस्कृतिक मिलन में बीजिंग और आसपास के शहरों से आए प्रवासी भारतीय परिवार एकत्रित हुए। साथ ही, बड़ी संख्या में स्थानीय चीनी नागरिक और अन्य देशों के लोग भी इस उत्सव का हिस्सा बने, जिससे यह रात सचमुच बहु-सांस्कृतिक संगम बन गई।

रोशनी, गीत-संगीत और नृत्य से सजी इस शाम ने भारतीय संस्कृति की जीवंत छवि को पेश किया। इस बार का दिवाली समारोह विशेष रहा, क्योंकि मंच पर गरबा की थाप गूंजते ही हर कोई अपने कदम थिरकाने से खुद को रोक नहीं पाया।

महिलाएं और पुरुष पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधानों में सजे, गरबा की रौनक में डूबे रहे। इसके बाद, बॉलीवुड के लोकप्रिय गीतों पर हुए ऊर्जावान नृत्यों ने वातावरण में उल्लास और उमंग का जादू घोल दिया। युवा, बुज़ुर्ग और बच्चे, हर कोई हंसते-नाचते इस आनंद में शामिल था।
इस भव्य आयोजन के सूत्रधार अरूण मोगर ने न्यूज़ नेशन भारत को बताया कि उन्होंने कई महीनों पहले से योजना और व्यवस्थाओं पर बारीकी से काम किया। मंच सज्जा, प्रकाश व्यवस्था, संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, हर पहलू को इस तरह तैयार किया गया कि प्रवासी भारतीयों को विदेश में होकर भी घर जैसा माहौल मिल सके। उन्होंने यह भी कहा, “ऐसे कार्यक्रम हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं और विदेश में भी देश की खुशबू का एहसास करवाते हैं।”

समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. रेड्डीज़ लेबोरेट्रीज़ लिमिटेड (Dr. Reddy’s Laboratories Ltd.) के कंट्री हेड (ग्रेटर चाइना) डॉ. सतीशकुमार श्रीहरण ने भी अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने अपने प्रेरणादायक शब्दों से उपस्थित लोगों का उत्साह बढ़ाया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय और चीनी मेहमानों द्वारा मंच पर संयुक्त दीप प्रज्वलन से हुआ। पूरे परिसर को रंगोली, फूलों और रंगीन लाइटों से इस तरह सजाया गया था कि मानो छोटे-से भारत का अक्स वहां उतर आया हो। बच्चों के लिए विशेष खेल, पारंपरिक मिठाइयां और भारतीय व्यंजनों के स्वाद ने शाम को और मनोरम बना दिया।

जब बॉलीवुड के मशहूर गीतों की धुन हवा में फैली, तो भारतीय ही नहीं, बल्कि चीनी और अन्य विदेशी मेहमान भी डांस में शामिल हो गए। भाषाओं और संस्कृतियों की विविधता उस समय एक ही ताल में बंधी दिख रही थी, और इन्हीं खास पलों ने इस उत्सव को एक सच्चा सांस्कृतिक संगम बना दिया।
बीजिंग में मनाई गई यह दिवाली न केवल भारतीय परंपरा की चमक लेकर आई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मित्रता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और साझा खुशियों का संदेश भी दे गई। प्रवासी भारतीयों के लिए यह महज़ एक त्योहार नहीं, बल्कि अपनी मिट्टी से जुड़ाव का एहसास है, जबकि अन्य संस्कृतियों के लोगों के लिए यह भारत के पर्व और त्योहार मनाने का अनोखाअनुभव था।
आयोजकों का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह पर्व और बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा, ताकि रोशनी का यह उत्सव सीमाओं से परे हर दिल तक पहुंच सके।