Himachal Pradesh Viral Teacher: सोचिए, अगर किसी सरकारी स्कूल के शिक्षक (Government Teacher) से अंग्रेजी में एक संख्या भी सही से न लिखी जाए तो समाज क्या सोचेगा? हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने बैंक चेक पर ऐसी अंग्रेजी लिख दी कि देखकर हर कोई दंग रह गया। चेक (Viral Cheque) की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और अब उस शिक्षक पर कार्रवाई हो चुकी है। आखिर क्या लिखा था चेक पर? और कैसे एक छोटी सी गलती ने शिक्षक की नौकरी पर तलवार लटका दी — आइए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से।
गलत अंग्रेजी से बना मज़ाक, वायरल हुआ चेक/Himachal Pradesh Viral Teacher
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक ने चेक पर 7,616 रुपये की रकम शब्दों में लिखते हुए इतनी बड़ी गलती कर दी कि अब यह मामला पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। शिक्षक ने अंग्रेजी में “Saven Thursday Six Harendra Sixtey” लिख दिया। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल होते ही लोगों ने इसे शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसते हुए साझा करना शुरू कर दिया। कई यूज़र्स ने कहा कि जब शिक्षक खुद इतनी गलतियां करेंगे, तो बच्चों का भविष्य क्या होगा? इस वायरल फोटो ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कार्रवाई में फंसा शिक्षक, निलंबन का आदेश जारी
वायरल तस्वीर पर शिक्षा विभाग ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित शिक्षक को निलंबित कर दिया है। यह शिक्षक रोहनाट स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ड्राइंग टीचर के पद पर कार्यरत अत्तर सिंह हैं। उन्होंने 25 सितंबर को यह चेक जारी किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षा निदेशालय ने घटना को विभाग की छवि के लिए हानिकारक बताते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग का कहना है कि किसी भी सरकारी दस्तावेज़ में ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है और इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा जाएगा। निलंबन के बाद शिक्षक से लिखित जवाब भी मांगा गया है।
शिक्षा निदेशक के सामने पेश होने के आदेश
निदेशालय ने न केवल शिक्षक बल्कि स्कूल प्रिंसिपल (Principal) से भी जवाब तलब किया है। दोनों को शनिवार को स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया गया है। सुनवाई के दौरान शिक्षक ने माना कि उनसे अनजाने में यह गलती हुई, लेकिन निदेशक ने इस सफाई को स्वीकार नहीं किया। कोहली ने कहा, “आधिकारिक कार्यों में लापरवाही से विभाग की साख प्रभावित होती है, और ऐसी किसी भी गलती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं, वरना कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।
अनुशासनात्मक जांच और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) ने सिरमौर के उपनिदेशक को इस मामले में केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 1965 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। यह घटना केवल एक शिक्षक की गलती नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को भी उजागर करती है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर एक शिक्षक को बेसिक अंग्रेजी भी नहीं आती, तो छात्रों को क्या सिखाया जा रहा है? विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब ऐसे मामलों में ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई जाएगी ताकि सरकारी स्कूलों की साख दोबारा कायम की जा सके।