Raebareli News : गंदगी में पड़ी मिलीं मां दुर्गा की मूर्तियां, सनातन धर्म और हिंदुओं की आस्था पर गहरी चोट!

Raebareli News : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद के सरेनी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव रालपुर में सनातन धर्म की पवित्र परंपराओं और हिंदुओं की आस्था को गहरा आघात पहुंचाने वाला एक दर्दनाक मामला सामने आया है। नवरात्रि के पावन पर्व पर जहां एक ओर हिंदू समाज बड़ी श्रद्धा, सद्भावना और उत्साह के साथ मंत्रोच्चारण के बीच मां नवदुर्गा की भव्य मूर्तियों की स्थापना कर पूजा-अर्चना करता है। वहीं दूसरी ओर विसर्जन के बाद इन पवित्र मूर्तियों को गंदगी के ढेर में फेंक दिया गया है। जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही और उदासीनता के कारण मूर्तियों को मिट्टी से ढकना तक मुनासिब नहीं समझा गया, जिससे हिंदू समाज की भावनाएं गहरी रूप से आहत हुई हैं।

घटना का विवरण: गंदगी में लोटती मां दुर्गा की मूर्तियां

सरेनी क्षेत्र के रालपुर गांव में नवरात्रि के दौरान स्थानीय निवासियों द्वारा पारंपरिक रूप से मां नवदुर्गा की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। पूरे नौ दिनों तक चलने वाली पूजा-अर्चना में मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन और आरती के साथ मां की आराधना की जाती है। पर्व के समापन पर मूर्तियों का विसर्जन जलाशयों या निर्धारित स्थानों पर किया जाता है। लेकिन इस बार विसर्जन स्थल पर पहुंची मूर्तियां गंदगी, कीचड़ और कचरे के ढेर में बेसुध पड़ी हुई हैं। स्थानीय लोगों द्वारा कैद किए गए वीडियो फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि मां दुर्गा की प्रतिमाएं अपवित्र वातावरण में लोट रही हैं, जिन्हें न तो सम्मानजनक तरीके से विसर्जित किया गया और न ही पर्यावरणीय मानकों के तहत मिट्टी से ढका गया।

यह दृश्य किसी भी सनातनी हिंदू के लिए स्तब्ध करने वाला है। जहां एक तरफ मूर्तियों में मां की शक्ति और आशीर्वाद की भावना निवास करती है, वहीं जिम्मेदारों की तरफदारी और लापरवाही ने इन पवित्र प्रतीकों को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से विसर्जन स्थलों की सफाई, सुरक्षा और प्रबंधन के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए, जिसके चलते यह हालात पैदा हुए।

जिम्मेदारों की लापरवाही खोल रही प्रशासन की पोल

यह मामला शासन-प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख देता है। रायबरेली जिले में नवरात्रि और दशहरा जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान मूर्ति विसर्जन के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं, जिनमें मूर्तियों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से विसर्जित करने और स्थलों को साफ-सुथरा रखने का प्रावधान होता है। लेकिन रालपुर में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका और संबंधित विभागों के अधिकारी मौन साधे बैठे हैं, जिससे हिंदुओं की आस्था पर बार-बार चोट पहुंच रही है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिम्मेदारों की तरफदारी और भ्रष्टाचार के चलते ऐसे हालात बार-बार दोहराए जा रहे हैं। विसर्जन स्थल पर न तो कोई कर्मचारी तैनात था और न ही सफाई की कोई व्यवस्था। परिणामस्वरूप, मूर्तियां गंदगी में डूबी पड़ी हैं, जो सनातन धर्म की पवित्रता पर एक कलंक की तरह है। यह न केवल धार्मिक भावनाओं का अपमान है, बल्कि पर्यावरणीय नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहा है।

समाज में आक्रोश, प्रशासन पर सवाल

इस घटना के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे हिंदू समाज में भारी रोष व्याप्त है। स्थानीय लोग पूछ रहे हैं कि क्या हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा? सनातन धर्म में मूर्ति पूजा को देवी-देवताओं की साक्षात् उपस्थिति माना जाता है, और विसर्जन के बाद भी उनका सम्मान बनाए रखना हर हिंदू का कर्तव्य होता है। लेकिन प्रशासन की उदासीनता ने इसे चुनौती बना दिया है।

अब देखना यह: जिलाधिकारी या मुख्यमंत्री लेंगे एक्शन?

खबर के प्रसारित होने के बाद सभी की निगाहें जिले की मुखिया, जिलाधिकारी महोदया पर टिकी हैं। क्या वे इस मामले की गंभीरता को समझते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगी? या फिर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वयं हस्तक्षेप करना पड़ेगा? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदू संस्कृति और सनातन धर्म के संरक्षण के लिए जाने जाते हैं, और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की उनकी नीति रही है। यदि समय रहते एक्शन नहीं लिया गया, तो यह हिंदू समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ का एक और उदाहरण बन जाएगा।

यह घटना न केवल रालपुर या सरेनी क्षेत्र तक सीमित है, बल्कि पूरे प्रदेश में धार्मिक आयोजनों के प्रबंधन पर सवाल उठाती है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन जागेगा और भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई नहीं जाएगी। हिंदू समाज की आस्था को सम्मान मिलना चाहिए, न कि अपमान।

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