Madhuri Dixit Faced Body Shaming: माधुरी दीक्षित को मिली थी नाक ठीक करने की सलाह, लेकिन मन की बात ने बना दिया करियर

Madhuri Dixit Faced Body Shaming: बॉडी शमिंग से जूझ चुकी हैं माधुरी दीक्षित, उठे थे सवाल! लेकिन मां ने बदली किस्मत

Madhuri Dixit Faced Body Shaming: बॉलीवुड की ‘धक-धक गर्ल’ माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) आज लाखों दिलों की धड़कन हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। चमकती स्क्रीन और सुपरस्टारडम के पीछे संघर्ष, ताने और अनचाही सलाह की एक लंबी कहानी छुपी है। हाल ही में एक इंटरव्यू में माधुरी ने अपने करियर के शुरुआती दिनों से जुड़ा ऐसा अनुभव साझा किया, जिसने एक बार फिर इंडस्ट्री में लुक्स और बॉडी शेमिंग पर बहस छेड़ दी है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपनी नाक और शरीर के कुछ हिस्सों को “ठीक” कराने की सलाह दी गई थी। उस वक्त उन्होंने यह बातें अपनी मां से साझा की थी…

करियर की शुरुआत और लुक्स को लेकर उठे सवाल/Madhuri Dixit Faced Body Shaming

1980 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखने वाली माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) को शुरुआत में अभिनय से ज्यादा अपने लुक्स को लेकर आंका गया। एक्ट्रेस ने बताया कि इंडस्ट्री के कई लोग उन्हें यह सुझाव देते थे कि उन्हें अपनी नाक और फिगर में बदलाव कराना चाहिए। उस दौर में सुंदरता के तय मानकों में फिट न बैठने वालों को अक्सर ऐसे कमेंट्स का सामना करना पड़ता था। माधुरी के लिए यह दौर मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि वह नई थीं और खुद को साबित करने की कोशिश कर रही थीं। बार-बार मिलने वाली इन सलाहों ने उन्हें असमंजस में डाल दिया। हालांकि, उन्होंने इन बातों को दबाने के बजाय अपनी मां से साझा करना सही समझा। यही वह मोड़ था, जहां से उनके आत्मविश्वास की नींव मजबूत होने लगी।

मां की सीख और ‘तेजाब’ से बदली किस्मत

नयनदीप रक्षित (Nayandeep Rakshit) को दिए इंटरव्यू में माधुरी दीक्षित ने बताया कि वह अक्सर अपनी मां से कहती थीं कि लोग उनके लुक्स को लेकर क्या-क्या कह रहे हैं। इस पर उनकी मां ने उन्हें सुकून देते हुए कहा, “एक बार तुम्हारी कोई फिल्म हिट हो जाएगी, तो यही चीजें लोगों को तुममें अच्छी लगने लगेंगी।” उस समय माधुरी को इस बात पर पूरा भरोसा नहीं हुआ, लेकिन 1988 में फिल्म ‘तेजाब’ के रिलीज होते ही हालात बदल गए। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और ‘एक दो तीन’ गाने ने माधुरी को रातोंरात स्टार बना दिया। इसके बाद न तो किसी ने उनकी नाक पर सवाल उठाया और न ही फिगर पर। इंडस्ट्री और दर्शकों ने उन्हें उसी रूप में अपनाया, जैसी वह थीं।

बॉडी शेमिंग पर बेबाक राय और नई एक्ट्रेसेज को सलाह

अपने अनुभवों से सीख लेते हुए माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) आज नई अभिनेत्रियों को खास सलाह देती हैं। उनका मानना है कि किसी तय “मोल्ड” में फिट होने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलत है कि हीरोइन को एक खास तरीके का ही दिखना चाहिए। अगर कोई अलग है, तो वही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। माधुरी के अनुसार, यूनिकनेस को छुपाने के बजाय उसे अपनाना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि आलोचना और सुझावों के बीच फर्क समझना जरूरी है। उनका यह बयान आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो जाता है, जब सोशल मीडिया के कारण कलाकारों को लगातार जज किया जाता है। माधुरी की सोच आत्मस्वीकृति और आत्मविश्वास का संदेश देती है।

माधुरी दीक्षित का वर्क फ्रंट और नए प्रयोग

वर्कफ्रंट की बात करें तो माधुरी दीक्षित इन दिनों वेब सीरीज ‘मिसेज देशपांडे’ (Mrs Deshpande) को लेकर चर्चा में हैं। इस सीरीज का निर्देशन नागेश कुकुनूर (Nagesh Kukunoor) ने किया है, जिसमें माधुरी एक सीरियल किलर की भूमिका निभा रही हैं। यह शो जिओहॉटस्टार (JioHotstar) पर स्ट्रीम हो रहा है और दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। फैंस उन्हें इस डार्क और चुनौतीपूर्ण किरदार में देखकर हैरान भी हैं और प्रभावित भी। माधुरी ने ऐसे निर्देशकों का आभार जताया है, जो करियर के इस पड़ाव पर उन्हें नए और अलग तरह के रोल्स करने का मौका दे रहे हैं। साफ है कि आत्मविश्वास और अनुभव के साथ माधुरी आज भी खुद को नए सिरे से साबित कर रही हैं।

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