Maithili Thakur Political Debut: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Elections 2025) से पहले सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। इसी बीच, लोकगायिका और सोशल मीडिया सेंसेशन मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। उनके पार्टी में शामिल होते ही बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है। बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें सदस्यता दिलाई और संकेत दिया कि मैथिली बेहद ख़ास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। बिहार की सांस्कृतिक पहचान बन चुकीं मैथिली ठाकुर का राजनीति में आना बीजेपी के लिए एक बड़ा चेहरा साबित हो सकता है। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है।
बीजेपी में शामिल हुईं मैथिली ठाकुर/Maithili Thakur Political Debut
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बीजेपी (BJP) ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर अब आधिकारिक रूप से पार्टी में शामिल हो गई हैं। मंगलवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। मैथिली ठाकुर के शामिल होते ही बीजेपी के दफ्तर में उत्साह का माहौल देखने को मिला। यह कदम पार्टी के सांस्कृतिक और जनसंपर्क स्तर पर प्रभाव बढ़ाने की दिशा में माना जा रहा है। मैथिली की लोकप्रियता न केवल बिहार बल्कि देशभर में है, और यही वजह है कि बीजेपी उन्हें एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में देख रही है।

अलीनगर विधानसभा सीट से लड़ सकती हैं चुनाव
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मैथिली ठाकुर को अलीनगर विधानसभा सीट (Alinagar Assembly seat) से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। यह सीट मिथिला क्षेत्र में आती है, जहाँ मैथिली का बड़ा प्रशंसक वर्ग है। उनकी लोकप्रियता इस क्षेत्र में विशेष रूप से ग्रामीण और महिला मतदाताओं के बीच काफी मजबूत मानी जाती है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बीजेपी का यह फैसला वोट प्रतिशत बढ़ाने और मिथिला क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। यदि मैथिली ठाकुर चुनाव लड़ती हैं, तो यह न केवल उनके करियर का नया अध्याय होगा, बल्कि बिहार की राजनीति में एक सांस्कृतिक चेहरा भी सामने आएगा।
मैथिली ठाकुर: संगीत से राजनीति तक का सफर
25 जुलाई 2000 को जन्मी मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) बिहार के मधुबनी जिले से आती हैं। उन्होंने बचपन से ही संगीत की शिक्षा अपने पिता रमेश ठाकुर से ली, जो स्वयं एक संगीत शिक्षक हैं। उनकी मां पूजा ठाकुर और दो भाई — ऋषभ और अयाची ठाकुर — भी संगीत में सक्रिय हैं। मैथिली ने कम उम्र में ही अपनी लोकगायकी और भक्ति गीतों से देशभर में पहचान बनाई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके लाखों प्रशंसक हैं। अब राजनीति में कदम रखकर वह अपनी लोकप्रियता को जनसेवा से जोड़ना चाहती हैं। बीजेपी में शामिल होकर उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह समाज और संस्कृति दोनों के लिए सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं।
भरत बिंद भी हुए बीजेपी में शामिल
मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) के साथ ही राजद विधायक भरत बिंद ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। यह कदम पार्टी के लिए एक और बड़ा राजनीतिक लाभ साबित हो सकता है। भरत बिंद के बीजेपी में आने से सत्तारूढ़ गठबंधन को दलित और पिछड़े वर्गों में मजबूती मिलेगी। सदस्यता ग्रहण समारोह में बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) ने कहा कि विपक्ष अब हताश और निराश है, क्योंकि एनडीए ने समय पर सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से एनडीए की सरकार बनाएगी।
बीजेपी की रणनीति और विपक्ष की मुश्किलें
बीजेपी में मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) और भरत बिंद का शामिल होना पार्टी की रणनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। एक ओर जहां मैथिली ठाकुर सांस्कृतिक और युवा मतदाताओं को जोड़ने में सक्षम हैं, वहीं भरत बिंद का जुड़ना सामाजिक संतुलन को मजबूत करता है। बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह विकास और सांस्कृतिक पहचान दोनों को साथ लेकर चलना चाहती है। दिलीप जायसवाल ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है और वह केवल भ्रम फैलाने में लगा है। एनडीए की एकजुटता और पारदर्शी गठबंधन धर्म ने बिहार में विपक्ष की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मैथिली ठाकुर का राजनीतिक पदार्पण बिहार के सियासी समीकरणों को कितना बदलता है।