One Stop Center : जिला प्रोबेशन अधिकारी और वन स्टॉप सेंटर की लापरवाही उजागर: जिम्मेदारों की उदासीनता से कल्पवास के लिए लाई गई लड़की गायब

One Stop Center : मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रयागराज जिले के गदागंज थाना क्षेत्र से कल्पवास के लिए वन स्टॉप सेंटर लाई गई एक नाबालिग लड़की के अचानक गायब हो जाने से जिला प्रोबेशन विभाग और सेंटर प्रबंधन की लापरवाही पूरी तरह से उजागर हो गई है। जिम्मेदार अधिकारी आपस में जिम्मेदारी ठेलते नजर आ रहे हैं, जबकि संवेदनशील मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। यह घटना न केवल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि पीड़ित बालिकाओं की सुरक्षा पर गंभीर खतरे की घंटी बजा रही है।

घटना का पूरा विवरण: कैसे गायब हुई लड़की?

जानकारी के अनुसार, पीड़ित लड़की प्रयागराज जिले के गदागंज थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वह 1 नवंबर 2025 को गदागंज थाने के क्षेत्र से गायब हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लड़की को बरामद कर लिया। चूंकि लड़की नाबालिग है और संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुई थी, इसलिए उसे सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिले के वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया गया। यह सेंटर महिलाओं और बालिकाओं को एक ही छत के नीचे कानूनी, चिकित्सकीय और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है, खासकर मिशन शक्ति के तहत।

लड़की को सेंटर में कल्पवास धार्मिक व्रत-उपवास के लिए विशेष व्यवस्था के साथ रखा गया था। सेंटर प्रबंधन ने उसे सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया था। लेकिन 2 नवंबर 2025 की शाम करीब 6:30 बजे के आसपास लड़की सेंटर से गायब हो गई। सेंटर की जांच में पाया गया कि छत पर लगा पीवीसी पैनल टूटा हुआ था, जिससे संकेत मिलता है कि लड़की ने बाउंड्री वॉल फांदकर भागने का प्रयास किया। सेंटर के अंदर कोई संघर्ष या जबरदस्ती के निशान नहीं मिले, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। लड़की के परिजनों को जब इसकी जानकारी दी गई, तो वे सदमे में हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल तलाश और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

जिम्मेदारों की उदासीनता: आपस में जिम्मेदारी का ठेलमठेल

घटना के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा और सेंटर मैनेजर के बीच जिम्मेदारी को लेकर खुला टकराव सामने आया। जब पत्रकारों ने जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा से संपर्क किया, तो उन्होंने साफ कहा, “सेंटर मैनेजर जाने कहां गई लड़की। यह उनकी जिम्मेदारी है, हमारा विभाग केवल निगरानी करता है।” वर्मा ने आगे कहा कि विभाग ने सेंटर को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं, लेकिन प्रबंधन की लापरवाही से यह हादसा हुआ। हालांकि, उन्होंने कोई ठोस जांच या कार्रवाई की घोषणा नहीं की।

दूसरी ओर, सेंटर मैनेजर ने सफाई देते हुए कहा, “हम क्या करें? लड़की बाउंड्री कूदकर भाग गई। सेंटर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन शाम के समय रोशनी कम होने से कुछ स्पष्ट नहीं है। स्टाफ ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।” मैनेजर ने यह भी दावा किया कि सेंटर में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं, लेकिन लड़की ने चुपके से भागने का तरीका ढूंढ लिया। गदागंज थानाध्यक्ष ने बताया कि सेंटर उनके क्षेत्राधिकार में नहीं आता, इसलिए वे सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते, लेकिन लड़की की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं।

यह मामला जिला प्रोबेशन विभाग की पुरानी लापरवाही को भी उजागर करता है। सूत्रों के अनुसार, जयपाल वर्मा पर पहले भी कई शिकायतें दर्ज हैं, जहां वन स्टॉप सेंटर से बालिकाओं के गायब होने या सुरक्षा में चूक के मामलों में विभाग ने अपनी खामियों पर पर्दा डाल दिया था। हर बार जांच रिपोर्ट में जिम्मेदारों को बचाने का प्रयास किया जाता रहा है। मिशन शक्ति के बीच ऐसी घटना से विभाग की विश्वसनीयता पर गहरा आघात लगा है।

मिशन शक्ति के बीच विभाग की विफलता: महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो महिलाओं और बालिकाओं को हिंसा, शोषण और असुरक्षा से बचाने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत वन स्टॉप सेंटर जैसे संस्थान महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करते हैं। लेकिन प्रयागराज जैसे जिले में बार-बार ऐसी घटनाएं होने से योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सेंटरों में स्टाफ की कमी, अपर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों की अनदेखी प्रमुख कारण हैं।

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ये सेंटर कागजों पर तो मजबूत दिखते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर लापरवाही हावी है। नाबालिग लड़कियां जो पहले ही खतरे में हैं, उनके लिए यह जगह जेल जैसी क्यों बने?” जिला महिला कल्याण विभाग ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जो उनकी उदासीनता को और पुष्ट करता है।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई: तलाश तेज, लेकिन जिम्मेदारी पर सवाल

पुलिस ने लड़की की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के जिलों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। गदागंज थाने की एक विशेष टीम लड़की के पुराने संपर्कों की जांच कर रही है। जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी या प्रमुख ब्रेकथ्रू नहीं हुआ है। परिजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना देने की चेतावनी दी है।

यह घटना राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है, जबकि भाजपा ने विभागीय जांच का वादा किया है। फिलहाल, लड़की की सुरक्षित वापसी ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

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