Nitish Kumar On Hijab Controversy: बिहार (Bihar) की राजनीति में एक बार फिर हिजाब को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने का आरोप लगने के बाद यह मामला सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक गर्माया हुआ है। वायरल वीडियो के बाद विपक्ष और कई सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग की है। इसी बीच नीतीश कुमार दिल्ली (Delhi) दौरे पर पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर उनसे सीधे इस विवाद को लेकर सवाल पूछे गए। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि मुख्यमंत्री क्या सफाई देंगे या माफी मांगेंगे, लेकिन जो हुआ उसने बहस को और तेज कर दिया। आखिर सीएम ने सवालों पर चुप्पी क्यों साधी, और इस चुप्पी के क्या राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, चलिए समझने की कोशिश करते हैं…
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला/Nitish Kumar On Hijab Controversy
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने का आरोप लगा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो सामने आते ही विपक्षी दलों और कई सामाजिक संगठनों ने इसे महिलाओं के सम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़ते हुए कड़ी आपत्ति जताई। उनका कहना है कि यह व्यवहार न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि संवैधानिक मूल्यों के भी खिलाफ है। वहीं, सत्तापक्ष के कुछ नेताओं ने इसे अनजाने में हुई घटना बताते हुए तूल न देने की बात कही। लेकिन वीडियो के वायरल होते ही यह मुद्दा बिहार की राजनीति का बड़ा विषय बन गया।

जवाब देने से क्यों बचे CM?
हिजाब विवाद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जब दिल्ली (Delhi) पहुंचे तो एयरपोर्ट पर मौजूद मीडिया ने उनसे सीधे सवाल दागे। पत्रकारों ने पूछा कि महिला डॉक्टर का हिजाब क्यों खींचा गया और क्या वे इस मामले में माफी मांगेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री ने इन सवालों का कोई सीधा जवाब नहीं दिया। वे हल्की मुस्कान के साथ हाथ जोड़ते हुए बिना कुछ कहे अपनी गाड़ी में बैठ गए। एयरपोर्ट पर उनका यह रवैया कैमरों में कैद हो गया, जिसके बाद यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। उनकी चुप्पी ने लोगों के बीच यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर वे इस संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बोलने से क्यों बच रहे हैं।
कैमरों के सामने भी साधी खामोशी, बयान से परहेज
दिल्ली पहुंचने के बाद भी मुख्यमंत्री का रुख नहीं बदला। जब एबीपी न्यूज (ABP News) समेत अन्य मीडिया संस्थानों ने हिजाब विवाद पर उनसे प्रतिक्रिया जाननी चाही, तब भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कैमरों के सामने वे पूरी तरह शांत नजर आए और बिना कुछ बोले आगे बढ़ गए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीतिक चुप्पी हो सकती है, ताकि मामला और न भड़के। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि ऐसे मामलों में चुप रहना कई बार जवाब देने से ज्यादा नुकसानदायक साबित होता है। खासकर तब, जब मामला महिलाओं के सम्मान और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हो।
विपक्ष का हमला और सियासत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की चुप्पी को लेकर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखनी चाहिए। उनका आरोप है कि खामोशी से संदेश गलत जाता है। वहीं, नीतीश कुमार के समर्थकों का कहना है कि इस पूरे मुद्दे को बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। फिलहाल, मुख्यमंत्री की ओर से हिजाब विवाद पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन उनकी चुप्पी ने इस मामले को और ज्यादा चर्चा में ला दिया है, और आने वाले दिनों में इस पर राजनीति और तेज होने के संकेत साफ दिख रहे हैं।










