Raebareli Crime Caught On Camera: रायबरेली (Raebareli) के महराजगंज (Maharajganj) क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां खेत में सो रहे एक व्यक्ति पर दबंगों ने रात के अंधेरे में जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले के बाद मुख्य आरोपी की असलहे के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। क्या है पूरी खबर आई जानते हैं…
घटना की पूरी कहानी/Raebareli Crime Caught On Camera
महराजगंज कोतवाली (Maharajganj Police Station) क्षेत्र के नरई गांव में यह घटना उस समय हुई जब इंद्रपाल सिंह (Indrapal Singh) खेत में सो रहे थे। आरोप है कि कुछ लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। बताया गया कि यह घटना चार दिन पहले हुए एक अन्य हमले के बाद की है। इंद्रपाल सिंह और उनके बेटे कुश सिंह ने 7 अक्टूबर की रात को ही पुलिस को तहरीर देकर पुष्पेंद्र सिंह, अंबिका सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत की थी। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सिर्फ कागजी कार्रवाई कर मामले को टाल दिया।

परिवार के आरोप और पुलिस की भूमिका
पीड़ित परिवार ने बताया कि 10 अक्टूबर को उपनिरीक्षक दिनेश गोस्वामी (Sub-Inspector Dinesh Goswami) ने बिना उचित जांच के सिर्फ फोन पर बुलाकर अंबिका सिंह का धारा 151 के तहत चालान कर दिया। कुश सिंह का दावा है कि उनके पास दिनेश गोस्वामी की रिकॉर्डिंग मौजूद है, जिसमें पुलिस अधिकारी यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि वे कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। परिवार ने इसे पुलिस की लापरवाही बताते हुए कहा कि इस रवैये से दबंगों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।
जांच में जुटी पुलिस, वायरल तस्वीर से बढ़े सवाल
इंद्रपाल सिंह (Indrapal Singh) और उनके बेटे कुश सिंह (Kush Singh) ने आशंका जताई है कि अगर पुलिस ने सख्त कदम नहीं उठाए तो किसी भी दिन उनकी हत्या हो सकती है। उन्होंने महराजगंज पुलिस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है, जबकि पीड़ित पक्ष का कहना है कि गोलियों की आवाज खेत में मौजूद व्यक्ति ने भी सुनी थी। घटना की सूचना डायल 112 को दी गई थी, और अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस बीच वायरल हुई तस्वीर ने न सिर्फ स्थानीय पुलिस पर बल्कि जिले की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।










