Illegal Trade Of Codeine-Containing Syrup Exposed : रायबरेली में कोडीन युक्त सिरप के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा; तीन मेडिकल व्यवसायियों पर मुकदमा दर्ज

Illegal Trade Of Codeine-Containing Syrup Exposed : ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र सिंह ने दिया बयान, दो एजेंसियां सील

Illegal Trade Of Codeine-Containing Syrup Exposed : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में कोडीन युक्त सिरप के अवैध व्यापार ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। नशे के रूप में इस सिरप का दुरुपयोग रोकने के लिए जिला ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन मेडिकल व्यवसायियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस कार्रवाई में दो एजेंसियां सील कर दी गई हैं, जबकि एक संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाकी दो आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं। जांच में सामने आया है कि ये व्यवसायी लाखों बोतल सिरप खरीदकर न केवल स्थानीय स्तर पर बेच रहे थे, बल्कि बांग्लादेश और बिहार जैसे राज्यों में भी इसका सप्लाई चेन चला रहे थे।

घटना का विवरण और ड्रग इंस्पेक्टर का बयान

आज दोपहर करीब 5:00 बजे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित अपने कार्यालय में जिला ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में इस मामले का विस्तार से खुलासा किया। उन्होंने बताया कि रायबरेली जिले के तीन प्रमुख फार्मा एजेंसियों पर कोडीन युक्त सिरप के अवैध भंडारण, खरीद-फरोख्त और वितरण के आरोप हैं। “नशे के तौर पर इस सिरप का भारी मात्रा में दुरुपयोग हो रहा था। जांच में पता चला कि एक एजेंसी ने लखनऊ से लगभग 5-6 लाख बोतलें, जबकि दूसरी ने डेढ़ लाख बोतलें खरीदी थीं। ये बोतलें सामान्य चिकित्सकीय उपयोग से कहीं अधिक थीं, जो स्पष्ट रूप से अवैध कारोबार की ओर इशारा करती हैं,” सिंह ने कहा।

उन्होंने आगे जोड़ा कि सिरप की सप्लाई लखनऊ की दो अलग-अलग एजेंसियों—इंदिका लाइफ साइंसेज (ट्रांसपोर्ट नगर) और एक अन्य फर्म—से की जा रही थी। “पिछले 10 महीनों में इन एजेंसियों ने असामान्य रूप से अधिक मात्रा में सिरप मंगवाया था, जो नशे के बाजार की मांग को पूरा करने के लिए था। हमने तीनों एजेंसियों को तत्काल सील कर दिया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी है।” ड्रग इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि इस कार्रवाई के तहत नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेज (NDPS) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

आरोपी और कार्रवाई की डिटेल्स

  • पहली एजेंसी : अजय एजेंसी (कल्लू का पुरवा) —इसके संचालक अजय को बीते दिनों पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पाया गया कि उन्होंने लखनऊ से 1.75 लाख शीशियां खरीदी थीं, जिन्हें रायबरेली, लखनऊ और अन्य जिलों में बेचा गया।
  • दूसरी और तीसरी एजेंसियां —ये दोनों कल्लू का पुरवा और खीरों क्षेत्र में संचालित हैं। इनके संचालक अभी फरार हैं। एक ने 5-6 लाख बोतलें मंगवाई थीं, जबकि दूसरी ने डेढ़ लाख। इन एजेंसियों को भी सील कर दिया गया है।
  • सीलिंग और छापेमारी : ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने कल्लू का पुरवा और खीरों स्थित ड्रग वेयरहाउस पर छापा मारा। मौके पर सिरप की भारी मात्रा बरामद हुई, जो अवैध रूप से संग्रहीत थी।

जिला मजिस्ट्रेट हर्षिता माथुर के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोडीन सिरप से जुड़ी मौतों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही अलर्ट मोड में है। रायबरेली में यह मामला उसी अभियान का हिस्सा है, जिसमें पूरे प्रदेश में 98 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

व्यापक नेटवर्क और अंतरराज्यीय कनेक्शन

जांच के दौरान सामने आया है कि रायबरेली का यह कारोबार किसी बड़े सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है। कोडीन युक्त सिरप की सप्लाई न केवल उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों (जैसे वाराणसी, सोनभद्र, जौनपुर) तक पहुंच रही थी, बल्कि बिहार, झारखंड, नेपाल होते हुए बांग्लादेश तक फैला हुआ था। हाल ही में सोनभद्र में इस सिंडिकेट के मास्टरमाइंड भोला प्रसाद जायसवाल को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया, जो दुबई फरार अपने बेटे शुभम जायसवाल से जुड़ा था। गाजियाबाद में तो एक इंस्पेक्टर को 4 लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

ड्रग इंस्पेक्टर सिंह ने कहा, “यह सिरप कफ सिरप के नाम पर बिक रहा था, लेकिन इसका 90 प्रतिशत उपयोग नशे के लिए हो रहा था। हम अन्य जिलों की एजेंसियों से भी लिंक की जांच कर रहे हैं।” विशेषज्ञों के अनुसार, कोडीन एक ओपिओइड है, जो नशे की लत लगाने वाला होता है। इसका दुरुपयोग युवाओं में तेजी से फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे पैदा हो रहे हैं।

प्रशासन की अपील और आगे की कार्रवाई

प्रशासन ने सभी मेडिकल स्टोर्स और फार्मा व्यवसायियों को चेतावनी दी है कि वे केवल वैध चिकित्सकीय उपयोग के लिए ही कोडीन युक्त दवाओं का स्टॉक रखें। कोई भी असामान्य खरीद-फरोख्त संदिग्ध मानी जाएगी। ड्रग विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जहां अवैध कारोबार की शिकायत की जा सकती है।

इस मामले में पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टर की संयुक्त टीम फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। पूरे प्रदेश में चल रहे इस अभियान में छह जिलों में 11 फर्मों पर अतिरिक्त मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। रायबरेली जिला प्रशासन ने कहा है कि इस तरह के अवैध कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बचाया जा सके।

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