इंदौर : इंदौर के बाईपास पर स्थित प्रसिद्ध सिल्वर स्प्रिंग कॉलोनी, इस समय पानी के प्लांट में अनियमितताओं के कारण चर्चा में है। कॉलोनी के पूर्व कर्मचारी पवन चौहान ने खुलासा किया है कि पानी की गुणवत्ता से जुड़ी गंभीर समस्याओं की जानकारी उन्होंने स्टेट मैनेजर सुधीर कुमार को दी थी, लेकिन सुधार करने के बजाय, उन्होंने पवन को नौकरी से निकाल दिया। चौहान ने स्पष्ट किया कि कॉलोनी अध्यक्ष श्री तोमर जी इस पूरे मामले से अनजान थे और वह एक नेक इंसान हैं। उनका कहना है कि सच्चाई सामने लाने के लिए उन्होंने मीडिया की मदद ली।
■ समस्या और आरोप

पवन चौहान का कहना है कि सिल्वर स्प्रिंग कॉलोनी के वाटर प्लांट में अनियमितताओं की जानकारी समय रहते दी गई, लेकिन स्टेट मैनेजर सुधीर कुमार ने इसे दबा दिया। चौहान का आरोप है कि सुधीर ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि यदि वह चुप नहीं रहे तो उनकी नौकरी चली जाएगी। इस दौरान चौहान ने यह भी बताया कि कॉलोनी के अध्यक्ष श्री तोमर जी को इस मामले की भनक तक नहीं थी। पवन के मुताबिक, अगर तोमर जी को वास्तविकता का पता होता तो ऐसी स्थिति कभी पैदा ही नहीं होती।

■ मीडिया ने घटनास्थल पर पहुँचकर जानकारी जुटाई
मीडिया ने श्री तोमर द्वारा बताए गए स्थान पर पहुँचकर घटना की कवरेज की। मीडिया को बताया गया कि ये दोनों भूमिगत जल संयंत्र हैं। एक टैंक का पानी पीने के लिए इस्तेमाल होता है, जबकि दूसरे टैंक का पानी झाड़ियों के लिए इस्तेमाल होता है। इन दोनों टैंकों के ढक्कन लगभग 5-6 फीट की दूरी पर हैं। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि दोनों टैंकों के बीच कोइ फ़ासला ना हो। इसलिए, यह संभव है कि दीवार में दरार के कारण ऐसा हुआ हो, और यह वही जगह है जहाँ कॉलोनी के पूर्व कर्मचारी पवन चौहान ने आरोप लगाया है कि कुछ समय पहले उन्होंने खड़े होकर जल संयंत्र के टैंक की सफाई करवाई थी। सफाई कर्मचारी ने मुझे बताया कि दीवार से पानी रिस रहा है और भविष्य में इसमें और भी दरारें आ सकती हैं, और यह वही दीवार है जिसके ठीक बगल में सीवरेज टैंक बना है। अगर दोनों टैंकों की दीवारें एक जैसी हैं, तो ज़ाहिर है कि वहाँ से भी पानी का रिसाव हो सकता है।
चेयरमैन श्री तोमर ने बताया कि यह एक सोची-समझी साज़िश है। पवन द्वारा हम पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं, और दूसरी ओर, पवन चौहान दावा कर रहे हैं कि तोमर को इस सीवरेज टैंक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

■ स्टेट मैनेजर सुधीर कुमार ने पवन चौहान पर एक महिला के साथ बदसलूकी का लगाया आरोप
सिल्वर स्प्रिंग कॉलोनी के स्टेट मैनेजर ने अपने बयान में कहा कि पवन चौहान को नशे की हालत में हमारे विभाग में काम करने वाली एक महिला के साथ बदसलूकी करने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था।

उसी महिला ने फ़ोन पर मीडिया से यह शिकायत की, जिसे मीडिया ने रिकॉर्ड कर लिया। जब रिपोर्टर ने सुधीर कुमार से पूछा कि क्या उन्होंने पवन के ख़िलाफ़ संबंधित पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, तो सुधीर कुमार ने कहा कि उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं कराई है क्योंकि मामला गंभीर नहीं था।
एक महिला के साथ छेड़छाड़ होना गंभीर मामला है, और मुख्या कहते हैं कि मामला गंभीर नहीं था, इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं कराई। सच कौन है, यह भी एक गंभीर मामला है। इस टंकी की गंभीरता से जाँच होनी चाहिए। आख़िरकार, यह एक ज़िम्मेदार अधिकारी के सम्मान का मामला है, जिसने पहले भी देश की सेवा की है और जनता को भी ऐसी ही सेवा दे रहे है।

पवन चौहान ने अपने बयान में यह भी कहा कि तोमर उनसे सच्चाई न जानने के लिए बहुत नाराज़ हैं, लेकिन उन्होंने अपने बयान में जो कहा, वह सच है।
चौहान ने कहा कि उन्होंने कई बार चेयरमैन को यह जानकारी देने की कोशिश की, लेकिन मैनेजर सुधीर ने ऐसा होने नहीं दिया था. और पवन ने कहा मैं अपनी आवाज़ दबा नहीं सकता और यहाँ के निवासियों के साथ अन्याय होते नहीं देख सकता। मैं भले ही ज़्यादा पढ़ा-लिखा न हूँ, लेकिन मुझे अच्छे और बुरे का फ़र्क़ अच्छी तरह पता है। भले ही इसके बुरे परिणाम मेरे लिए हों, मैं तब तक चुप नहीं रहूँगा जब तक पानी की जाँच और टंकी की सफ़ाई नहीं हो जाती।
अध्यक्ष तोमर ने अपने बयान में कहा कि अगर हमारे जल संयंत्र में कोई समस्या नहीं है, तो गंदा पानी देने का सवाल ही नहीं उठता। यह मेरी और कर्मचारियों की मानहानि है, और हम इस टैंक की जाँच करवाने के लिए तैयार हैं।
जब न्यूज़ नेशन भारत के रिपोर्टर ने शिकायतकर्ता पवन चौहान से पूछा तो उन्होंने अपने बयान में कहा कि में अपने पिछले बयान पर कायम रहते हुए कहा, “मैंने अपनी आँखों से जल संयंत्र से गंदगी का पानी रिसते देखा है। मैं अपने बयान पर कायम हूँ।”