झारखंड सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य की कुल 4345 पंचायतों में पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं का सोशल ऑडिट कराया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य योजनाओं के क्रियान्वयन, जनता को मिलने वाले लाभ और वित्तीय प्रबंधन की गहन जांच करना है, ताकि “खुला हिसाब” सुनिश्चित हो सके।
इसमें पलामू जिला के 265 95 शामिल है सोशल ऑडिटिंग के जरिए पंचायत भवनों पंचायत ज्ञान केंद्र डिजिटल पंचायत योजना सहित विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की गतिविधियों वी उपलब्धियां की समीक्षा की जाएगी।

इस दौरान योजनाओं की क्रियान्वयन, पारदर्शिता और जनता को मिलने मिले लाभ की गहन जांच की जाएगी। इस संबंध में पंचायती राज निर्देशक ने झारखंड सोशल ऑडिट सोसायटी के निर्देशक को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा की पंचायत स्तर पर योजनाओं को सही स्थिति सामने आ सके और खामियों को दूर किया जा सके। ग्रामीण विकास और पंचायती राज से जुड़ी योजनाओं की पारदर्शिता पर लंबे समय से सवाल उठाते रहे हैं।
सोशल ऑडिटिंग के तहत निरीक्षण का विवरण
मनरेगा योजना : श्रमिक पंजीकरण, जॉब कार्ड, कार्य स्वीकृत, जियो टैगिंग, मस्टर रोल, ई- एमबी प्रविष्टि, मजदूरी और सामग्री सूची, एफटीओ प्रकिया और संबंधित समस्याओं का निराकरण ।
पंचायत भवन और सचिवालय : इंटरनेट, पेयजल, बिजली, सुरक्षा, साफ सफाई, जनरेटर ईंधन और अन्य आकस्मिक खर्चो के लिए आवंटित मासिक अनुदान का सही उपयोग।
पंचायत ज्ञान केंद्र : लाइब्रेरी, किताबें, पत्रिकाएं, कंप्यूटर, फर्नीचर, टीवी समितियां की गतिविधियां और जनता के लिए उपलब्धता।
डिजिटल पंचायत योजना : आधार कार्ड, बैंकिंग, आहार सेवा, पोस्टल सेवा, जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र, झारसेवा की सेवाए।
अन्य सुविधाएं : पंचायत भवन का क्रियाशील होना, क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों की आधारभूत संरचना, उपकरण व वाहन, वैध विद्युत कनेक्शन और वैकल्पिक व्यवस्था, महिला एवं पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय, माताओं के लिए पालना घर, स्ट्रीट लाइट, महिलाओं के मुद्दों पर प्राथमिकताएं।










