Chhath Puja 2025 : गडरियन के पुरवा स्थित शारदा नहर सहित विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर टूटा 36 घंटे का छठ व्रत, रायबरेली में धूमधाम से संपन्न हुआ महापर्व

Chhath Puja 2025 : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही हो गया। जिले के विभिन्न घाटों पर 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत को पूर्ण करने वाली महिलाओं ने भोर की पहली किरणों में सूर्य देव को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और जीवन में ऊर्जा की कामना की। रायबरेली पुलिस द्वारा की गई भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जहां ड्रोन से घाटों की निगरानी की गई ताकि किसी भी व्रती को कोई समस्या न हो।

चार दिवसीय इस महापर्व का अंतिम दिन मंगलवार को सुबह करीब 6:30 बजे सूर्योदय के समय मनाया गया। मिल एरिया थाना क्षेत्र के गडरिया का पुरवा स्थित शारदा नहर के घाट पर सैकड़ों महिलाएं पानी में खड़ी होकर ठेकुआ, फल, नारियल और गन्ने सहित अर्घ्य का प्रसाद अर्पित करती नजर आईं। इसी प्रकार मुंशीगंज सई नदी, राजघाट, सई नदी के अन्य तटों और घरों में खुदवाए गए तालाब नमा गड्ढों पर भी व्रतियों का जमावड़ा रहा। पूर्व संध्या पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आज उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया गया।

रायबरेली जिले में छठ पूजा की धूम अब पूर्वांचल की तरह ही देखने को मिली। दीपावली के ठीक छह दिन बाद मनाए जाने वाले इस पर्व में हजारों की संख्या में पहुंची महिलाओं ने विधि-विधान से छठ मैया की पूजा-अर्चना की। व्रती महिलाएं पारंपरिक पीले वस्त्रों में सज-धजकर घाटों पर पहुंचीं, जहां लोकगीतों और छठ भजनों की धुन पर भक्ति में डूब गईं। अर्घ्य के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ने वाली महिलाओं ने मां छठ मैया से आशीर्वाद मांगा। एक व्रती महिला रश्मि श्रीवास्तव ने बताया, “यह चार दिन का महापर्व है, जिसमें सुहागिन महिलाएं सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ती हैं। हम संतान की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए यह कठिन तप करती हैं। आज का अर्घ्य हमें नई ऊर्जा देता है।”

भारी सुरक्षा और सुव्यवस्थाओं के बीच संपन्न हुआ पर्व

रायबरेली पुलिस ने छठ पूजा के समापन पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किए थे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर नौ प्रमुख घाटों पर पुलिस बल तैनात रहा, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की निगरानी से किसी भी असामान्य स्थिति पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की गई। नगर पालिका परिषद और नगर विकास विभाग ने घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल और शौचालयों की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसकी व्रतियों ने खूब सराहना की। हालांकि, सई नदी के एक घाट पर मगरमच्छ दिखने से कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया, लेकिन पुलिस ने तुरंत स्थिति संभाल ली और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

जिले के राजघाट पर विधायक अदिति सिंह और पूर्व विधायक पूनम सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी व्रतियों के साथ अर्घ्य दिया। अदिति सिंह ने सोशल मीडिया पर साझा किया कि समर्पित कार्यकर्ताओं ने सेवा भाव से श्रद्धालुओं की मदद की। वहीं, लोकसभा सांसद प्रिया सरोज ने भी छठ पूजा में हिस्सा लेते हुए व्रतियों को आशीर्वाद दिया।

छठ पूजा का महत्व और चार दिवसीय अनुष्ठान

छठ पूजा हिंदू धर्म के सबसे कठिन व्रतों में से एक है, जो सूर्य देव और छठी मैया की आराधना पर आधारित है। 2025 में यह पर्व 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर को संपन्न हुआ। पहले दिन ‘नहाय-खाय’ पर व्रत की शुरुआत सात्विक भोजन से हुई, दूसरे दिन ‘खरना’ पर गुड़ की खीर-रोटी का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया गया। तीसरे दिन ‘संध्या अर्घ्य’ पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया, जबकि चौथे दिन ‘ऊषा अर्घ्य’ पर उगते सूर्य को समर्पित किया।

यह पर्व प्रकृति पूजा का प्रतीक है, जहां जल, सूर्य और मिट्टी के महत्व को रेखांकित किया जाता है। रायबरेली जैसे जिलों में अब यह बिहार-झारखंड की तरह ही उत्साह से मनाया जा रहा है, जो सांस्कृतिक एकता का उदाहरण है। व्रत के पारण में ठेकुआ, केला, नारियल और मौसमी फल ग्रहण किए जाते हैं, जो शरीर को धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लाते हैं।

रायबरेली में छठ पूजा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती। व्रतियों की भक्ति और प्रशासन की सतर्कता से यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक सद्भाव का भी प्रतीक बन गया।

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