आज लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए भाजपा को हराने का ऐतिहासिक जिम्मा नागरिकों पर आ गया है। इस बार का चुनाव भाजपा बनाम विपक्षी पार्टियां नहीं, भाजपा बनाम आमजन है। उपर्युक्त बातें रांची से आए लोकतन्त्र बचाओ मंच के कार्यकारिणी सदस्य सिराज दत्ता ने परमवीर अब्दुल हमीद स्मृति भवन संडेबाज़ार में यूनाईटेड मिल्ली फोरम, शोषित मुक्ति वाहिनी और आदिवासी मुलवासी अधिकार मंच के संयुक्त तत्वधान में आयोजित “लोक सभा चुनाव और हमारा दायित्व” के विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा। उन्होने कहा भाजपा के आदिवासी विरोधी, दलित विरोधी, महिला विरोधी, पिछड़ा विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी, किसान विरोधी, मजदूर विरोधी चरित्र को पहचानते हुए एक साथ आकर बड़ी संख्या में वोट देकर हराना होगा। संगोष्ठी को सुबोध सिंह पवार सलाहकार शोषित मुक्ति वाहिनी, रांची से आए लोकतन्त्र बचाओ अभियान के बी.बी.चौधरी और मंथन ने भी संवोधित किया। इनका कहना था कि भाजपा आम जनता को धर्म और पहचानों के आधार पर विभाजन रचकर जीतने की जुगत में है। साझा संस्कृति को बचाना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। अबकी बार 400 पार के नारे के पीछे विपक्षमुक्त संसद बनाने की तानाशाही प्रवृत्ति है। पूरे देश को एक व्यक्ति की मनमानी के तहत चलाने की कोशिश हो रही है। विषय परिवेस कराते हुए यूनाईटेड मिल्ली फोरम झारखंड के प्रदेश महासचिव अफजल अनीस ने कहा कि देश में बांटो और राज करो की स्थिति पैदा हो गई है जो चिंता का विषय है। देश में जिस तरह संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है वह आने वाली पीढ़ियों के लिए चिंताजनक है। ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव बेहद अहम हो गया है।
संगोष्ठी में शोमुवा के पूर्व सचिव जयनाथ ताँती, दामोदर बचाओ मंच के गुलाब प्रजापति, आदिवासी मुलवासी अधिकार मंच के दिनेश मुर्मु, मनोज सिंह पवार, राजन, मो नसीम अंसारी, मुकेश सिन्हा, सरोज मास्टर, रागिब जिलानी, प्रदीप ठाकुर, मिनहाज मंजर ने संबोधित किया। सभी ने मौजूदा भाजपा सरकार के पिछले दस साल के हमलों पर निशाना बाँधते हुए मोदी सरकार को हर हाल में हटाने की जरूरत मानी। यह बात सभी वक्ताओं ने कही कि संविधान और लोकतंत्र पर इस शासनकाल में लगातार हमला हुआ है। जीवन से जुड़े शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर शासक कुछ नहीं कहते, धर्म और मंदिर जैसे मुद्दे ही उछालते रहते है। रोजगार, कृषि, नागरिक अधिकार के क्षेत्र में बकाया जिम्मेदारी को पूरा करने की जगह काशी, मथुरा बाकी है – जैसे उन्मादी और नफरती बोल बोलते हैं । चीन के द्वारा हमारी सीमा पर हुए अतिक्रमण पर हमारा प्रधानमंत्री चुप रहता है। अध्यक्षता शोमुवा के अध्यक्ष श्याम मुंडा ने किया। संचालन शोषित मुक्ति वाहिनी के सचिव मुन्ना सिंह व धन्यवाद ज्ञापन ज्योति कुमारी ने की। इस संगोष्ठी में निर्मल नाग, मो खालिद मसूद, गनपट रविदास, मो असलम मास्टर, मो शेर खान, रतन निषाद, मो जावेद, राकेश नायक, प्रदीप चौहान, पीताम्बर, विचित्रा सोनार, राम कुमार, मो परवेज़, मो शाहबाज, मो अय्युब अंसारी, पिनटू तिवारी, अंबिता किसकू, कुंती मुर्मु, सुखराम हंसदा, हिरालाल टुड्डु, राजेश हंसदा इत्यादि सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।