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हत्या के आरोपियों को बचा रही पुलिस? बना रही है पीड़ित परिवार पर दबाव

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पुलिस फर्जी वीडियो दिखाकर बयान बदलवाने की कर रही है कोशिश!

रिपोर्ट : सोना यादव 



खबर शाजापुर जिले के अकोदिया ग्राम चोटिया खेड़ी से है, आपको बता दे की युवक को जहर खिलाकर मौत के घाट उतार दिया, आपसी परिवार की रंजीश व जमीन को लेकर पिछले कई समय से विवाद चल रहा था। जमीन की सड़क में पानी की मोटर को लेकर था विवाद। विवाद इतना भीषण था जो किसी की जिंदगी से खेल गया और शांतिलाल को मारकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस प्रशासन कोई एक्शन नहीं लिया। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ित महिला प्रशासन से गुहार लगाती हुई प्रशासन से मदद मांगने पहुंची, फिर भी प्रशासनिक अधिकारी निजी लाभ कमाने में हैं व्यस्त। पीड़ित महिला गायत्री बाई ने मीडिया का सहारा लिया।


शाजापुर जिले के चोटियाखेड़ी गाँव में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस की भूमिका पर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि अकोदिया पुलिस हत्यारों को बचाने में जुटी हुई है और फरियादी परिवार को डरा-धमका रही है। मृतक शांतिलाल की पत्नी गायत्री बाई का आरोप है कि पुलिस ने उनके नाबालिग बेटे को थाने बुलाया, लेकिन बाद में उसे बाहर निकाल दिया गया, तद्पश्चात पुलिस ने अनपढ़ माँ से सख्ती से पूछताछ की और उसे डराया-धमकाया। वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस ने एक वीडियो दिखाया और कहा कि “देखो, तुम्हारे पति ने मरने से पहले सिर्फ तीन लोगों का नाम लिया है, जबकि तुम पाँच नाम बता रही हो!” सवाल ये उठता है कि अगर वाकई मृतक का कोई बयान था तो पुलिस ने इसे पहले सार्वजनिक क्यों नहीं किया? क्या यह वीडियो आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस द्वारा तैयार किया गया है? और सबसे बड़ा सवाल यह उठता है 24 घंटे पीड़िता उनके पति के साथ थी तो पुलिस ने कब और कैसे बयान दर्ज कर लिया है और तो और पुलिस घटना पर ना तो आई और ना ही बयान दर्ज किया, जब शांतिलाल की मृत्यु हो गई फिर दाह संस्कार में पहुंची। घटना होने के बाद ही पुलिस को सूचना दे दी गई थी। यदि समय पर पुलिस पहुंच जाती तो शायद आज शांतिलाल जिंदा होते। वहीं परिवारवालों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण हत्या के आरोपी गाँव में खुलेआम घूम रहे हैं और उल्टा पीड़ित परिवार को धमका रहे हैं। नाबालिग बेटे और उसकी माँ को धमकी दी जा रही है कि “अगर ज्यादा पैरवी की, तो अंजाम भुगतना पड़ेगा!” सूत्रों के अनुसार पुलिस ने आरोपियों से मोटी रकम लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर दिया है। यही वजह है कि अभी तक हत्या के मुख्य आरोपियों पर सख्त धाराएँ नहीं लगाई गईं। अब पीड़ित परिवार न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। गायत्राबाई ने कहा कि “अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो हम हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे!” अब बड़ा सवाल ये है कि – क्या पुलिस अपनी छवि बचाने के लिए आरोपियों पर कार्रवाई करेगी या फिर पैसे के खेल में न्याय को कुचल दिया जाएगा?

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