Raibareli kidnaping news : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) से एक सनसनीखेज अपहरण का मामला सामने आया है। शनिवार देर शाम को फैक्ट्री में सीनियर टेक्नीशियन के पद पर तैनात संजय कुमार मीना का दो बदमाशों ने मारुति कार में जबरन बिठाकर अपहरण कर लिया। अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से 2 लाख रुपये की फिरौती की मांग की, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया। हालांकि, पुलिस की तत्परता से चंद घंटों के अंदर ही संजय कुमार को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया गया और दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद हो गई है। पुलिस ने आरोपीयों के खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
घटना का पूरा विवरण

लालगंज क्षेत्र में स्थित मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) रायबरेली जिले की आर्थिक धुरी है, जहां हजारों कर्मचारी रेल कोच निर्माण में योगदान देते हैं। संजय कुमार मीना, जो राजस्थान मूल के हैं और लंबे समय से फैक्ट्री में सीनियर टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत हैं, शनिवार शाम करीब 6 बजे स्कूटी पर सब्जी खरीदने के लिए निकले थे। वे फैक्ट्री कॉलोनी के पास ही रहते हैं और रोजाना की तरह सामान्य रूट पर जा रहे थे।
अचानक एक मारुति कार (नंबर अपंजीकृत) सवार दो युवक संजय के पास रुकी। दोनों ने संजय को घसीटकर कार में बिठा लिया और मौके से फरार हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अपहरण के दौरान संजय ने चीखने-चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों ने उन्हें दबोच लिया। घटना की सूचना मिलते ही संजय के परिजनों ने तुरंत लालगंज कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। अपहरणकर्ताओं ने संजय के मोबाइल पर परिजनों को फोन कर 2 लाख रुपये की फिरौती की मांग की और पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस की फटाफट कार्रवाई, हाईवे पर नाकेबंदी
अपहरण की खबर फैलते ही रायबरेली जिले में हाहाकार मच गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. मनोज कुमार झा ने तुरंत विशेष टीम का गठन किया। सीओ लालगंज अमित सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने पूरे जिले में नाकेबंदी कर दी। खासतौर पर रायबरेली-बांदा हाईवे पर चेकिंग सख्त कर दी गई। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और गुप्तचरों की मदद से पुलिस को पता चला कि अपहरणकर्ता हाईवे पर भाग रहे हैं।
शनिवार रात करीब 10 बजे, रायबरेली-बांदा हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा के पास पुलिस ने संदिग्ध मारुति कार को घेर लिया। कार में सवार दोनों बदमाशों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। कार के अंदर से संजय कुमार मीना को सुरक्षित मुक्त कराया गया। संजय को मामूली चोटें आई थीं, जिनका प्राथमिक उपचार स्थानीय अस्पताल में कराया गया। पूछताछ में संजय ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उन्हें धमकाया था और फिरौती के पैसे ट्रांसफर करने का दबाव डाला था।
आरोपी कौन? आपराधिक इतिहास का खुलासा
पकड़े गए दोनों अपहरणकर्ताओं की पहचान वैभव सिंह (निवासी: नरहरपुर, कोतवाली डलमऊ, रायबरेली) और भूपेंद्र सिंह (निवासी: दीपे मऊ, कोतवाली लालगंज, रायबरेली) के रूप में हुई है। दोनों की उम्र 25-28 वर्ष बताई जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने अपहरण और फिरौती की योजना कबूल कर ली। पुलिस को शक है कि दोनों का आपराधिक इतिहास रहा है—वैभव सिंह पर पहले छोटे-मोटे चोरी के मामले दर्ज हैं, जबकि भूपेंद्र सिंह हाल ही में जिले में सक्रिय बदमाशों के गिरोह से जुड़ा हुआ है। घटना में प्रयुक्त मारुति कार (मॉडल: ऑल्टो, चेसिस नंबर: उपलब्ध) को जब्त कर लिया गया है।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट, अपहरण और फिरौती की धाराओं (IPC 363, 364A) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आगे की पूछताछ में अन्य संलिप्त सदस्यों का भी पता लगाया जा रहा है।
सीओ लालगंज का बयान: “तत्परता से कार्रवाई की”
घटना पर सीओ लालगंज अमित सिंह ने कहा, “अपहरण की सूचना मिलते ही हमारी टीम सक्रिय हो गई। नाकेबंदी और तकनीकी निगरानी से हमने अपहरणकर्ताओं को महज चार घंटों में पकड़ लिया। संजय कुमार सुरक्षित हैं और कोई गंभीर चोट नहीं है। हम अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। जिले में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए सतत प्रयास जारी रहेंगे।” (बाइट: अमित सिंह, सीओ लालगंज)
प्रभावित परिवार और फैक्ट्री का पक्ष
संजय कुमार मीना के परिवार ने पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर समय पर कार्रवाई न हुई होती तो परिणाम भयावह हो सकते थे। संजय की पत्नी ने बताया, “हमें फोन आया तो कलेजा कांप गया। लेकिन पुलिस भाइयों ने इतनी तेजी से काम किया कि हम चैन की सांस ले पाए।” रेल कोच फैक्ट्री प्रशासन ने भी बयान जारी कर कहा कि कर्मचारी की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है और घटना की जांच में सहयोग करेंगे। फैक्ट्री में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर विचार किया जा रहा है।