Crime Crackdown By Indore Police: इंदौर (Indore) के परदेशीपुरा (Pardeshipura) इलाके में पुलिस ने तेज़ कार्रवाई करते हुए चंद घंटों में एक गंभीर वारदात का खुलासा कर दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी ने इलाके में खलबली मचा दी है। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर गुंडों, बदमाशों और अवैध गतिविधियों पर लगातार शिकंजा कसने का अभियान चलाया जा रहा है। इस ताज़ा मामले में पुलिस की तत्परता और रणनीतिक कार्रवाई ने अपराधियों को चौकन्ना कर दिया। आखिर क्या था पूरा मामला और कैसे पहुंची पुलिस तक आरोपियों की गिरफ्तारी तक, आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है।
आपसी विवाद से शुरू हुआ जानलेवा हमला/Crime Crackdown By Indore Police
21 अक्टूबर 2025 को इंदौर (Indore) के परदेशीपुरा क्षेत्र स्थित जीवन की फेल में बदमाशों के बीच आपसी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। विवाद के दौरान अविनाश नाम के युवक पर चाकू से हमला कर दिया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत अपराध क्रमांक 506/25 के तहत धारा 109, 296 और 35 बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी आर.डी. कानवा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रात में ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

कमिश्नर के निर्देश पर गठित हुई स्पेशल टीम
शहर में बढ़ते आपराधिक मामलों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस आयुक्त श्री संतोष कुमार सिंह और अतिरिक्त आयुक्त श्री अमित सिंह (Amit Singh) ने सभी थानों को सख्त निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में डीसीपी ज़ोन-02 श्री कुमार प्रतीक और एडीसीपी श्री अमरेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में एसीपी हिमानी मिश्रा (Himani Mishra) ने कार्रवाई को अंजाम देने के आदेश दिए। निर्देश मिलते ही थाना परदेशीपुरा की टीम ने कई अलग-अलग दल बनाकर संभावित ठिकानों पर दबिश दी और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।
चंद घंटों में गिरफ्तारी, पुलिस टीम की सराहना
पुलिस की मेहनत रंग लाई और मुखबिर की सूचना पर कुछ ही घंटों में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें तीन वयस्क आरोपी — कृष्ण उर्फ आदि, जितेंद्र बोरासी और देव शर्मा शामिल हैं, जबकि दो आरोपी बाल अपचारी हैं। पुलिस टीम ने बेहद जोखिम उठाते हुए उन्हें धर दबोचा। इस कार्रवाई में निरीक्षक आर.डी. कानवा, लक्ष्मीचंद पटेल, प्रधान आरक्षक देवी सिंह, आरक्षक जयवेंद्र, जितेंद्र, मोहर सिंह, राजेंद्र, राम सुंदर, मनीष और सैनिक अश्विन की अहम भूमिका रही। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने यह साबित किया कि इंदौर पुलिस अपराधियों के खिलाफ किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरतेगी।










