Science Behind Fever Dreams: बीमार होना किसी के लिए भी आसान नहीं होता— बदन दर्द, थकान, सिरदर्द और तेज बुखार शरीर को तोड़कर रख देता है। लेकिन कई बार असली परेशानी तब शुरू होती है, जब हम आराम करने के लिए बिस्तर पर जाते हैं। नींद में अचानक कुछ अजीब और डरावने सपने आने लगते हैं, जो इतने सच जैसे लगते हैं कि नींद खुलते ही बेचैनी महसूस होती है। इन सपनों को ही “फीवर ड्रीम्स” (Fever Dreams) कहा जाता है। यह अनुभव हर किसी के लिए अलग होता है— किसी को भावनात्मक दृश्य दिखाई देते हैं तो किसी को डरावने और अजीब से जीव। लेकिन आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या बुखार हमारे दिमाग को सचमुच प्रभावित करता है?
फीवर ड्रीम क्या होते हैं?/Science Behind Fever Dreams
फीवर ड्रीम्स (Fever Dreams) वे सपने होते हैं जो तेज बुखार के दौरान नींद में दिखाई देते हैं। सामान्य सपनों की तुलना में ये ज्यादा गहरे, भावनात्मक और डरावने महसूस होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बुखार के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे ब्रेन की गतिविधियां भी बदल जाती हैं। नींद के दौरान जब दिमाग “REM स्लीप स्टेज” में होता है, तब सपने सबसे ज़्यादा स्पष्ट और जीवंत होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, 94 प्रतिशत लोगों ने अपने फीवर ड्रीम्स को “नेगेटिव” बताया — यानी वे ऐसे सपनों को परेशान करने वाला या डरावना मानते हैं।

तेज बुखार के दौरान मस्तिष्क इमोशन और यादों को सामान्य तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता। यही कारण है कि नींद में अजीब घटनाएं, अस्वाभाविक दृश्य या डरावनी चीज़ें देखने का अनुभव होता है।
फीवर ड्रीम्स इतने विचित्र क्यों होते हैं?
बुखार (llness) आने पर शरीर के तापमान में असंतुलन आ जाता है, जिससे दिमाग ओवरहीट हो जाता है। वैज्ञानिक इसे “ओवरहीटेड ब्रेन थ्योरी” (Overheated Brain Theory) से समझाते हैं। जब दिमाग ज्यादा गर्म हो जाता है, तो उसकी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। इस स्थिति में नींद की प्रक्रिया बाधित होती है और सपनों की प्रकृति बदल जाती है। REM स्लीप के दौरान जब तापमान पहले से असंतुलित रहता है, बुखार इस असंतुलन को और बढ़ा देता है। इसी कारण कई लोग फीवर ड्रीम्स के दौरान दीवारें हिलती हुई, अंधेरा फैलता हुआ या अजीब आकार के जीव देख लेते हैं। कुछ को बड़े कीड़े-मकोड़े या विशालकाय आकृतियाँ भी दिखाई देती हैं। यह सब दिमाग की अस्थायी प्रतिक्रिया होती है, जो बुखार खत्म होने पर सामान्य हो जाती है।
फीवर ड्रीम्स से शरीर पर क्या असर होता है?
फीवर ड्रीम्स (Fever Dreams) केवल मानसिक अनुभव नहीं हैं, बल्कि वे शरीर के अंदर होने वाले जैविक असंतुलन का संकेत भी होते हैं। जब शरीर तापमान नियंत्रित करने की कोशिश करता है, तब ब्रेन पर तनाव बढ़ जाता है। इस कारण हृदय गति बढ़ सकती है, नींद बार-बार टूट सकती है और शरीर थकावट महसूस कर सकता है। कई बार लगातार फीवर ड्रीम्स आने से नींद की गुणवत्ता गिर जाती है और रिकवरी में देरी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि फीवर ड्रीम्स शरीर के “अलर्ट सिस्टम” का हिस्सा हैं, जो संकेत देता है कि शरीर असंतुलित स्थिति में है। इसलिए अगर बुखार के दौरान बार-बार विचित्र सपने आने लगें, तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, बल्कि सही आराम और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
फीवर ड्रीम्स से कैसे निपटें?
फीवर ड्रीम्स (Fever Dreams) को पूरी तरह रोकना मुश्किल है, लेकिन कुछ आसान उपायों से इनकी तीव्रता को कम किया जा सकता है। सबसे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। दूसरा, सोने का वातावरण शांत और ठंडा रखें, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे। तीसरा, डॉक्टर की सलाह से बुखार कम करने वाली दवाएं लें और पर्याप्त नींद लें। सोने से पहले गहरी सांस, ध्यान या हल्की स्ट्रेचिंग जैसी रिलैक्सेशन तकनीक अपनाना भी मददगार होता है। इसके अलावा, सोने से पहले मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूरी बनाए रखें क्योंकि ये मस्तिष्क को और सक्रिय कर देते हैं। इन छोटे बदलावों से न केवल फीवर ड्रीम्स (Fever Dreams) कम हो सकते हैं, बल्कि नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है और रिकवरी तेज़ होती है।










