Loan Alert for Borrowers: लोन लेने से पहले इन 4 बड़ी गलतियों से बचें, वरना फाइनेंशियल मुश्किल तय

Loan Alert for Borrowers: जल्दबाजी में लिया लोन बन सकता है सिरदर्द, इन 4 चूकों से रहें सतर्क

Loan Alert for Borrowers: आज के दौर में लोन लेना आम जरूरत बन गया है। कोई घर खरीदता है, कोई गाड़ी, तो कोई अचानक आई जरूरत के लिए पर्सनल लोन का सहारा लेता है। पर्सनल लोन (Personal Loan), होम लोन (Home Loan) या डिजिटल लोन (Digital Loan) अब कुछ ही मिनटों में मिल जाते हैं, लेकिन यही आसानी कई बार भारी गलती में बदल जाती है। बिना सोचे-समझे लिया गया लोन धीरे-धीरे आपकी कमाई, बचत और मानसिक शांति तीनों पर असर डाल सकता है। खासकर तब, जब आप फर्जी ऐप, ब्रोकर या छिपी शर्तों के जाल में फंस जाते हैं। इसलिए लोन लेना गलत नहीं है, लेकिन समझदारी से लेना बेहद जरूरी है। आखिर वे कौन-सी 4 बड़ी गलतियां हैं, जिनसे आपको हर हाल में बचना चाहिए? तो चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है, विस्तार से…

थर्ड पार्टी लोन ऐप पर भरोसा करना पड़ेगा भारी/Loan Alert for Borrowers

लोन से जुड़ी सबसे खतरनाक गलती होती है किसी भी अनजान या थर्ड पार्टी लोन ऐप पर भरोसा कर लेना। कई लोग मिनटों में लोन मिलने के लालच में ऐप की वैधता जांचे बिना अपना आधार कार्ड (Aadhaar Card), पैन कार्ड (PAN Card) और कांटेक्ट लिस्ट तक शेयर कर देते हैं। बाद में यही ऐप आपका डेटा चोरी कर लेते हैं और पेमेंट में जरा सी देरी होते ही धमकाने लगते हैं। कई मामलों में तो फर्जी लोन ऐप पहले प्रोसेसिंग फीस के नाम पर पैसे लेकर गायब भी हो जाते हैं। इसलिए अगर कभी डिजिटल लोन लेना पड़े, तो केवल RBI (Reserve Bank of India) से मान्यता प्राप्त बैंक या भरोसेमंद NBFC (Non-Banking Financial Company) की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का ही इस्तेमाल करें। सस्ता ब्याज और इंस्टेंट अप्रूवल के झांसे में आकर खुद को मुसीबत में न डालें।

ब्रोकर के चक्कर में पड़ना, सीधे बैंक से दूरी बनाना

अक्सर लोग यह सोचकर ब्रोकर के पास चले जाते हैं कि बैंक से लोन लेने में बहुत समय लगता है। यही सोच दूसरी बड़ी गलती बन जाती है। ब्रोकर मीठी बातों में आपको उलझाकर पहले अपनी फीस वसूलता है और फिर या तो लोन की शर्तें बदल देता है या प्रोसेस को जानबूझकर लंबा खींचता है। कई मामलों में तो ब्रोकर पैसे लेकर भी लोन नहीं दिलवाता। वहीं आज लगभग हर बैंक (Bank) और NBFC का ऑनलाइन पोर्टल, कस्टमर केयर और ब्रांच सिस्टम बेहद आसान हो चुका है। आप सीधे वहां आवेदन कर सकते हैं और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी होती है। इसलिए लोन लेने के लिए हमेशा सीधे बैंक या अधिकृत वित्तीय संस्था पर ही भरोसा करें, किसी भी बिचौलिए से दूरी बनाकर रखें।

पढ़े साइन करना पड़ सकता है भारी

लोन की कागजी प्रक्रिया अक्सर लंबी और उबाऊ लगती है, लेकिन यही सबसे जरूरी हिस्सा होता है। कई लोग जल्दबाजी में बिना पढ़े लोन के दस्तावेजों पर साइन कर देते हैं। बाद में उन्हें पता चलता है कि ब्याज दर (Interest Rate) उम्मीद से कहीं ज्यादा है, प्रोसेसिंग फीस अलग ली गई है या प्रीपेमेंट चार्ज और पेनाल्टी जैसी शर्तें भी जुड़ी हुई हैं। एक बार साइन करने के बाद उन शर्तों से पीछे हटना लगभग नामुमकिन हो जाता है। इसलिए लोन एग्रीमेंट (Loan Agreement) की हर लाइन ध्यान से पढ़ें। अगर कोई शब्द या शर्त समझ न आए, तो उसी वक्त बैंक अधिकारी से साफ-साफ पूछें। दस्तावेजों को हल्के में लेना आगे चलकर भारी आर्थिक नुकसान में बदल सकता है।

क्षमता से ज्यादा EMI जिंदगी का बोझ

लोन लेते समय लोग अक्सर बड़ी रकम देखकर खुश हो जाते हैं, लेकिन EMI (Equated Monthly Installment) का असली बोझ कुछ महीनों बाद महसूस होता है। अगर आपकी EMI आपकी मासिक आय के मुकाबले ज्यादा हो गई, तो रोजमर्रा के खर्च, बच्चों की पढ़ाई और मेडिकल जरूरतों पर सीधा असर पड़ेगा। इतना ही नहीं, EMI चूकने पर आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) भी खराब हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन लेना और मुश्किल हो जाता है। इसलिए लोन लेने से पहले EMI कैलकुलेटर (EMI Calculator) से पूरी गणना करें और वही किस्त चुनें, जिसे आप बिना तनाव के हर महीने चुका सकें। याद रखें, सही EMI वही है जो आपकी जिंदगी में राहत दे, बोझ नहीं।

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