AI Education Enters Schools: शिक्षा में क्रांति: तीसरी क्लास से ही बच्चे सीखेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षा मंत्रालय ने किया बड़ा ऐलान

AI Education Enters Schools: AI की पढ़ाई अब स्कूलों में! जानिए कैसे बदल जाएगा बच्चों का सीखने का तरीका और क्या है पूरा प्लान

AI Education Enters Schools: देश की शिक्षा प्रणाली (Education System) में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत होने जा रही है। अब छोटे बच्चे सिर्फ किताबें ही नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत तकनीक की मूल बातें भी सीखेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने फैसला लिया है कि कक्षा 3 से ही छात्रों को AI और Computational Thinking (AI & CT) के तहत नई सोच और आधुनिक तकनीक से परिचित कराया जाएगा। यह कदम बच्चों में विश्लेषणात्मक सोच, समस्या सुलझाने की क्षमता और जिम्मेदार टेक्नोलॉजी उपयोग की समझ विकसित करने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। आइए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से…

शिक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम/AI Education Enters Schools

शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने घोषणा की है कि अब देशभर के स्कूलों में कक्षा 3 से ही बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मूल बातें सीखेंगे। इस योजना का उद्देश्य है बच्चों को डिजिटल दुनिया (Digital World) की समझ दिलाना और उन्हें भविष्य की तकनीक के प्रति जागरूक बनाना। मंत्रालय का मानना है कि बच्चे जब शुरुआती स्तर से ही AI और टेक्नोलॉजी की भाषा समझना शुरू करेंगे, तो वे न सिर्फ तकनीक के उपयोगकर्ता, बल्कि भविष्य के इनोवेटर भी बन सकेंगे। यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय खोलेगा, जो आने वाली पीढ़ी को अधिक आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगा।

‘AI & Computational Thinking’ कोर्स का ढांचा

नए पाठ्यक्रम का नाम AI & Computational Thinking (AI & CT) रखा गया है। इस कोर्स के तहत छात्रों को सिखाया जाएगा कि रोबोट कैसे काम करते हैं, मशीनें निर्णय कैसे लेती हैं और तकनीक समाज में कैसे सकारात्मक बदलाव ला सकती है। इसमें नैतिकता और जिम्मेदारी पर भी विशेष ध्यान दिया गया है ताकि बच्चे तकनीक का सही उपयोग करना सीख सकें। इस कोर्स का मकसद सिर्फ टेक्निकल नॉलेज देना नहीं, बल्कि बच्चों में रचनात्मकता, तर्कशक्ति और समस्या समाधान की क्षमता को विकसित करना है- जिससे वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें।

कब और कैसे लागू होगा नया कोर्स

यह कोर्स 2026-27 शैक्षणिक सत्र से देशभर के स्कूलों में लागू किया जाएगा। शुरुआत कक्षा 3 से होगी और हर साल इसे एक उच्च कक्षा तक बढ़ाया जाएगा। दिसंबर 2025 तक इसके लिए किताबें, हैंडबुक, वीडियो और डिजिटल सामग्री तैयार कर ली जाएगी। वहीं, शिक्षकों की ट्रेनिंग NISHTHA और अन्य संस्थानों के माध्यम से पहले ही शुरू हो चुकी है। शिक्षा मंत्रालय का लक्ष्य है कि इस कोर्स को हर स्कूल में समान रूप से लागू किया जाए ताकि सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के बीच तकनीकी ज्ञान की खाई खत्म हो सके।

कौन बना रहा है यह कोर्स और क्यों है जरूरी

इस प्रोजेक्ट पर CBSE, NCERT, KVS, NVS और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। इसकी अगुवाई IIT मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमण कर रहे हैं, जो इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF SE 2023) के अनुरूप बना रहे हैं। भारत का AI सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है — 2025 तक इसका आकार 17 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है और 2030 तक 100 बिलियन डॉलर पार करने की उम्मीद है। ऐसे में यह पहल न केवल बच्चों को भविष्य की नौकरियों जैसे AI इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, रोबोटिक्स एक्सपर्ट बनने की दिशा में तैयार करेगी, बल्कि देश को तकनीकी रूप से और भी मजबूत बनाएगी।

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