रिपोर्ट : शाह हिलाल
लेह की बर्फीली हवाओं में गर्व और स्मृतियों की गूंज सुनाई दी जब फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोमवार को अपना 26वां स्थापना दिवस मनाया। समारोह की शुरुआत कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला द्वारा हॉल ऑफ फेम वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। इस गंभीर क्षण ने उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने लद्दाख की कठिन पहाड़ियों में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
1 सितम्बर 1999 को ऑपरेशन विजय के बाद इस कोर का गठन हुआ था। तभी से यह कोर भारत की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा की रीढ़ बन चुकी है। पिछले ढाई दशकों में फायर एंड फ्यूरी कोर ने न केवल ज़ोजिला-कर्गिल, सियाचिन ग्लेशियर, दौलत बेग ओल्डी (DBO), और डेमचोक जैसे सामरिक मोर्चों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, बल्कि लद्दाख के विकास में भी अहम भूमिका निभाई है।
सुरक्षा और विकास का संतुलन
दुनिया के सबसे कठिन इलाकों में तैनात यह कोर सिर्फ सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम जैसे अभियानों के जरिए 43 सीमावर्ती गांवों में बुनियादी सुविधाएं, रोज़गार और पलायन रोकने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। प्राकृतिक आपदाओं के समय यह कोर हमेशा स्थानीय जनता के साथ खड़ा रहा है—बचाव, पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में सबसे आगे।
शिक्षा और युवाओं को अवसर
शिक्षा इस कोर की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में रही है। लद्दाख के सात आर्मी गुडविल स्कूल—करू, द्रास, प्रतापपुर, बोगडांग, त्याक्षी, फारोना और हर्का बहादुर—में वर्तमान में 2,472 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अनेक छात्रवृत्तियों के माध्यम से बच्चों को स्कूल और उच्च शिक्षा का अवसर दिया जा रहा है। कारगिल इग्नाइटेड माइंड्स और लेह इग्नाइटेड माइंड्स जैसी पहल से कई छात्रों ने नीट (NEET) और जेईई (JEE) जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं पास की हैं। वहीं सैनिक स्कूल की कोचिंग से 46 छात्रों का चयन हुआ।
पिछले दो वर्षों में 618 ऑपरेशन सद्भावना परियोजनाएं पूरी की गई हैं, जिससे प्रशासन और दूरदराज के गांवों की जनता के बीच की दूरी कम हुई है।
खेल और स्वास्थ्य पर जोर
युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए आइस हॉकी, तीरंदाजी, घुड़सवारी और पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों को नियमित रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। आइस हॉकी किट्स का वितरण दूरस्थ गांवों तक किया गया है ताकि पारंपरिक खेलों को संरक्षित कर युवाओं में उत्साह बढ़े।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी कोर ने अहम योगदान दिया है—66 मेडिकल कैंप, 21 पशु-चिकित्सा कैंप और एम्बुलेंस सेवाएं चांगथांग, चुषुल और डेमचोक जैसे दूरस्थ इलाकों तक पहुंचाई गई हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष लाभ मिला है।
पर्यावरण और समुदाय सशक्तिकरण
पर्यावरण की नाज़ुक स्थिति को देखते हुए कोर ने 20 पर्यावरणीय परियोजनाएं चलाई हैं। सियाचिन ग्लेशियर से 130 टन कचरा हटाया गया, जबकि नयोमा में 14 टन प्लास्टिक कचरे की सफाई की गई। साथ ही सोलर प्रोजेक्ट्स और सामुदायिक केंद्रों की स्थापना से सतत विकास को बढ़ावा मिला है।
महिला सशक्तिकरण केंद्र खुम्बाथांग, हनुयोग्मा और निमू में महिलाओं को स्वरोज़गार और उद्यमिता की ट्रेनिंग दी जा रही है। पश्मीना बुनाई, ब्लॉक प्रिंटिंग और सैनिटरी नैपकिन निर्माण जैसी पहलें स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं।
सम्मान और संकल्प का दिन
स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में लद्दाख महिला आइस हॉकी टीम का सम्मान किया गया। साथ ही 24 सैनिकों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर फायर एंड फ्यूरी कोर के सभी सैनिकों ने एक बार फिर संकल्प लिया कि वे सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ लद्दाख के विकास और सेवा में हमेशा समर्पित रहेंगे।