Bokaro Sets An Example: बोकारो (Bokaro) जिले के गोमिया (Gomia) प्रखंड की स्वांग उत्तरी पंचायत से एक भावनात्मक और प्रेरक खबर सामने आई है। विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के दौरान एक ऐसी बच्ची की कहानी सामने आई, जिसने सभी को संवेदनशील कर दिया। सुरभि कुमारी (Surabhi Kumari) नाम की यह बच्ची अपने माता-पिता दोनों को खो चुकी है और अब पूरी तरह अकेली थी। लेकिन इस अभियान की बदौलत उसकी ज़िंदगी में उम्मीद की किरण जगी है। अब उसे बाल कल्याण समिति के माध्यम से शिक्षा, संरक्षण और सरकारी सुविधाओं के तहत ‘वात्सल्य’ का सहारा मिलेगा।
जागरूकता अभियान में सामने आई मासूम की कहानी/Bokaro Sets An Example
गोमिया प्रखंड के स्वांग उत्तरी पंचायत में विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो के अध्यक्ष एवं सचिव के निर्देशानुसार एक विधिक सेवा जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में लोगों को कानूनी अधिकारों और सरकारी सहायता योजनाओं के प्रति जागरूक करना था। इसी दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्वांग की प्रधानाध्यापिका ने एक आवेदन के माध्यम से बताया कि विद्यालय में पढ़ने वाली सुरभि कुमारी (Surabhi Kumari) नाम की बच्ची पूरी तरह अनाथ है। सुरभि के पिता स्वर्गीय सोनू सिंह (Late Sonu Singh) और माता भी अब नहीं रहीं, जिससे वह बिल्कुल असहाय स्थिति में थी।

प्रधानाध्यापिका और पीएलवी की संवेदनशील पहल
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने सुरभि की स्थिति को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को आवेदन सौंपा। आवेदन की जानकारी मिलते ही पंचायत की पीएलवी (पैरा लीगल वॉलंटियर) कोनिका कुमारी ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने सुरभि की पूरी स्थिति की जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) बोकारो को दी। कोनिका कुमारी (Konika Kumari) ने बताया कि सुरभि की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उसे तत्काल सरकारी संरक्षण की आवश्यकता है। इस पहल में स्वांग उत्तरी पंचायत की वार्ड सदस्य लक्ष्मी पांडेय ने भी सहयोग किया और सुरभि की मदद की अपील की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तत्परता से खुला रास्ता
जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो ने पीएलवी कोनिका कुमारी (Konika Kumari) द्वारा दी गई जानकारी पर तुरंत संज्ञान लिया। मामले की पुष्टि के बाद उन्होंने सुरभि कुमारी को बाल कल्याण समिति (CWC) बोकारो (Bokaro) के संरक्षण में भेजने का निर्णय लिया। समिति ने आश्वासन दिया कि सुरभि की पढ़ाई-लिखाई, रहने की सुविधा और अन्य सभी सरकारी सहायता योजनाओं का लाभ उसे मिलेगा। यह कदम न केवल एक अनाथ बच्ची के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि विधिक सेवा प्राधिकार की संवेदनशील कार्यशैली का भी उदाहरण बनेगा।
सुरभि को मिलेगा ‘वात्सल्य’ और शिक्षा का नया अवसर
बाल कल्याण समिति बोकारो (Child Welfare Committee, Bokaro) के हस्तक्षेप के बाद सुरभि कुमारी अब ‘वात्सल्य’ योजना के तहत सरकारी सहायता प्राप्त करेगी। समिति ने कहा है कि सुरभि की शिक्षा, पोषण और संपूर्ण देखभाल की जिम्मेदारी अब प्रशासन उठाएगा। इस मामले ने यह भी दिखाया कि अगर जागरूकता और संवेदनशीलता साथ आएं, तो कई ज़िंदगियां बदली जा सकती हैं। विधिक सेवा प्राधिकार और बाल कल्याण समिति की संयुक्त पहल ने सुरभि जैसी बच्ची को नया जीवन, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल कायम की है।










