Canada Turns From America To India: कनाडा और भारत (Canada and India) के बीच कुछ समय से ठंडे पड़े रिश्ते अब फिर से गर्मजोशी की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। वैश्विक कूटनीति में नए समीकरण बन रहे हैं, और इसी बीच एक अहम संकेत यह है कि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी फरवरी में भारत की यात्रा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि वे यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समिट में हिस्सा लेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे। यह दौरा सिर्फ तकनीकी या आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
टूटे रिश्तों को सुधारने की पहल/Canada Turns From America To India
कनाडा अब भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को सुधारने की दिशा में गंभीरता से कदम उठा रहा है। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Mark Carney) को भारत में होने वाले AI समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसी अवसर पर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक (Dinesh Patnaik) ने कहा कि दोनों देशों का उद्देश्य पिछले वर्षों में कमजोर पड़े रिश्तों को फिर से सामान्य करना है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर बातचीत सफल रही, तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंच सकता है। यह संकेत देता है कि आर्थिक साझेदारी को राजनीतिक मतभेदों से अलग रखते हुए नए सिरे से भरोसे की शुरुआत हो रही है।

कनाडा में भारत की निवेश रुचि
भारतीय उच्चायुक्त दिनेश पटनायक (Dinesh Patnaik) ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत, कनाडा (Canada) में निवेश को लेकर गंभीर है। खासतौर पर एनर्जी और क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कनाडा को निवेश को आकर्षित करने के लिए पारदर्शी नीतियों, पर्यावरणीय मानकों और आदिवासी समुदायों के अधिकारों पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने होंगे। पटनायक ने कहा, “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री कार्नी जल्द भारत यात्रा पर आएं। यह ऐसा रिश्ता है, जिसे हम खराब नहीं होने देना चाहते।” उन्होंने यह भी बताया कि बीते कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर उच्च-स्तरीय बातचीत जारी है। यह रुझान इस बात का संकेत है कि दोनों सरकारें मतभेदों को भुलाकर आगे बढ़ने को तैयार हैं।
अमेरिका से घटता भरोसा
कनाडा और भारत (Canada and India) के बीच बढ़ती नजदीकियों के पीछे एक बड़ा कारण अमेरिका के साथ कनाडा के रिश्तों में आई दरार है। प्रधानमंत्री कार्नी (Prime Minister Carney) ने स्वीकार किया है कि अमेरिकी टैरिफ नीति और व्यापारिक बाधाओं ने कनाडा की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इस वजह से उन्होंने अगले दशक में अमेरिका के बाहर होने वाले निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। कार्नी के मुताबिक, “अमेरिका (America) के साथ पहले जितनी मजबूती वाले रिश्ते माने जाते थे, अब वही कमजोरी साबित हो रही है।” इस बदले माहौल में कनाडा अब भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर झुकाव दिखा रहा है। इस रणनीतिक बदलाव को कनाडा के नए वैश्विक व्यापारिक दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
AI समिट और तकनीकी साझेदारी
मार्क कार्नी (Mark Carney) की भारत यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट (Artificial Intelligence Summit) में भाग लेना और दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग को नई दिशा देना है। भारत इस समय एआई और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है, जबकि कनाडा इन क्षेत्रों में दीर्घकालीन निवेश और साझेदारी की संभावनाएं तलाश रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय व्यापारिक समझौतों को मजबूत करने का अवसर देगी, बल्कि तकनीकी नवाचार, डेटा सुरक्षा और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर आधारित साझेदारी को भी नई ऊंचाई तक पहुंचाएगी। यदि यह सहयोग मजबूत होता है, तो भारत और कनाडा दोनों को वैश्विक टेक्नोलॉजी और एआई इकोसिस्टम में अहम भूमिका निभाने का अवसर मिल सकता है।










