Cyclone Motha Hits Bay of Bengal: बंगाल की खाड़ी में उठा साइक्लोन ‘मोथा’, ओडिशा, आंध्र और बंगाल में अलर्ट, दिल्ली में हो सकती है कृत्रिम बारिश

Cyclone Motha Hits Bay of Bengal: साइक्लोन ‘मोथा’ से बढ़ा खतरा, तटीय राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, दिल्ली में मिल सकती है राहत

Cyclone Motha Hits Bay of Bengal: बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) एक बार फिर मौसम के बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। मौसम विभाग ने इस साल के पहले चक्रवात ‘मोथा’ (Motha) के बनने की चेतावनी जारी की है, जो आने वाले दिनों में कई तटीय राज्यों के मौसम को प्रभावित कर सकता है। इस सिस्टम के सक्रिय होने से ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि पश्चिम बंगाल में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में प्रदूषण से राहत देने के लिए सरकार क्लाउड सीडिंग की तैयारी में जुटी है। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है…

बंगाल की खाड़ी में उठा साइक्लोन ‘मोथा’: खतरे की शुरुआत/Cyclone Motha Hits Bay of Bengal

मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया अब तेजी से एक चक्रवाती तूफान ‘मोथा’ में बदलने की दिशा में है। यह सोमवार, 27 अक्टूबर की सुबह तक पूर्ण चक्रवात का रूप ले सकता है। इस तूफान के कारण तमिलनाडु, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह सिस्टम दक्षिण-पूर्वी खाड़ी से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 28 अक्टूबर तक इसका प्रभाव तटीय इलाकों में साफ दिखेगा। इस दौरान समुद्र में ऊँची लहरें उठने और मछुआरों के समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। यह तूफान इस साल का पहला बड़ा चक्रवात माना जा रहा है, जो तटीय राज्यों की तैयारियों की परीक्षा लेने वाला है।

तटीय राज्यों में बारिश का अलर्ट: ओडिशा और बंगाल में पीली चेतावनी

ओडिशा और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में साइक्लोन ‘मोथा’ (Motha) के असर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। भुवनेश्वर मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, यह सिस्टम 25 अक्टूबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में दबाव, 26 अक्टूबर तक गहरा दबाव और 27 अक्टूबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। मौसम विभाग ने शुक्रवार को ओडिशा के 12 जिलों, शनिवार और रविवार को 21 जिलों, और सोमवार को पूरे राज्य में हल्की से मध्यम बारिश की पीली चेतावनी जारी की है। वहीं पश्चिम बंगाल में 28 से 30 अक्टूबर के बीच उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, हावड़ा और कोलकाता में गरज-चमक के साथ भारी बारिश का अनुमान है। प्रशासन ने लोगों को निचले इलाकों से दूर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी है।

तमिलनाडु और पुडुचेरी में तेज बारिश, बिजली गिरने का अलर्ट

बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में विकसित हो रही मौसमी प्रणाली का असर तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में सबसे पहले देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों में कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर तक गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ बारिश की चेतावनी जारी की है। कडलूर, पुडुचेरी, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों को सतर्क रहने और तटीय क्षेत्रों में मछुआरों की गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। यह प्रणाली धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रही है और अगले 48 घंटों में इसके और तीव्र होने की संभावना है। इससे राज्य के दक्षिणी हिस्सों में तेज हवाओं के साथ तूफानी बारिश हो सकती है।

दिल्ली-एनसीआर में बदलता मौसम: क्लाउड सीडिंग की तैयारी

जहां एक ओर देश के तटीय इलाके तूफान से जूझने की तैयारी में हैं, वहीं दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज धीरे-धीरे बदलने लगा है। 27 से 28 अक्टूबर के बीच हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश साइक्लोन ‘मोथा’ (Motha) की अप्रत्यक्ष नमी और पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो सकती है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम वर्षा कराने की योजना बनाई है। आईआईटी कानपुर के सहयोग से 28 से 30 अक्टूबर के बीच यह प्रयोग किया जा सकता है ताकि दीवाली के बाद बढ़े प्रदूषण स्तर को कम किया जा सके। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगर हवा की दिशा अनुकूल रही, तो दिल्ली को हल्की बारिश से राहत मिल सकती है। फिलहाल हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।

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