ससुराल वालों का जानलेवा हमला; विवाहिता समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के कोतवाली नगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मटिहा गांव में करीब 4 बजे एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक विवाहिता पर उसके ही ससुराल वालों द्वारा कथित रूप से जानलेवा हमला किया गया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इस खूनी संघर्ष में बीच-बचाव करने उतरे दो अन्य लोगों को भी चोटें आईं। तीनों घायलों को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पीड़ित पक्ष ने ससुराल पक्ष के कई सदस्यों पर लाठियों और लात घूसों से हमला करने का आरोप लगाया है। साथ ही पुलिस पर कार्रवाई में लापरवाही का भी आरोप लगाया है।

घटना का पूरा विवरण: पारिवारिक रंजिश से भड़का खूनी खेल

घटना मटिया गांव में दोपहर के समय घटी, जब विवाहिता शमीमा खातून पुत्रवधू स्वर्गीय शब्बीर अहमद निवासी बासन टोला, कोतवाली नगर अपने ससुराल में थी। पीड़ित परिवार के अनुसार, ससुराल पक्ष के सदस्यों के बीच किसी पारिवारिक विवाद को लेकर तनाव चरम पर पहुंच गया। अचानक ससुराल पक्ष के लोगों ने शमीमा पर बेरहमी से हमला बोल दिया। आरोप है कि उन्होंने लाठियों,और अन्य हथियारों से पीड़िता को बुरी तरह पीटा, जिससे वह खून से लथपथ हो गई।

पीड़िता के पिता के अनुसार, “हमारी बहन शमीमा को उसके पति नदीम उर्फ मुन्ना, रशीद, शानू, नंद (मां), नाज़नीन और शहजादी सहित पूरे परिवार ने घेर लिया। उन्होंने न केवल लात-घूसों से हमला किया, बल्कि जान से मारने की धमकियां भी दीं। शमीमा के चीखने-चिल्लाने पर पड़ोसियों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन दो अन्य लोग भी इस हिंसा का शिकार हो गए। घायलों में शमीमा के अलावा दो अन्य व्यक्ति शामिल हैं, जिनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गांव में ससुराल पक्ष के लोग लंबे समय से पीड़िता के परिवार पर दबाव बना रहे थे। यह हमला किसी छोटी-मोटी रंजिश से भड़का लगता है, लेकिन इसकी तीव्रता ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद घायलों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने शमीमा की हालत को गंभीर बताते हुए उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। अन्य दो घायलों का भी इलाज चल रहा है, लेकिन उनकी जान को खतरा टल चुका है।

आरोपी पक्ष पर गंभीर आरोप: जानलेवा हमला और धमकियां

पीड़ित परिवार ने ससुराल पक्ष के नदीम पति मुन्ना ससुर रशीद, शानू, नंद मां नाज़नीन और शहजादी पर सीधे-सीधे आरोप लगाया है। परिवार का दावा है कि ये सभी मिलकर शमीमा पर हमला करने के पीछे थे। उन्होंने न केवल शारीरिक हिंसा की,बल्कि हमें गांव छोड़ने की धमकी भी दी। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई हो, लेकिन आज का हमला जानलेवा था,” पीड़िता के भाई ने बताया। परिवार ने इन सभी के खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट और धमकी देने के आरोप लगाए हैं।

पुलिस की लापरवाही: शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

घटना की सूचना मिलते ही पीड़ित परिवार ने कोतवाली नगर थाने में तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, अब तक (शाम 7 बजे तक) पुलिस ने किसी भी आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की है। पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “हमने दोपहर में ही थाने में शिकायत की, लेकिन कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। आरोपी अभी भी खुले में घूम रहे हैं, जो हमें और डराने वाला है।” कोतवाली नगर के प्रभारी ने बताया कि मामला संज्ञान में है और जल्द ही आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

सामाजिक प्रतिक्रिया: महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ आक्रोश

यह घटना रायबरेली जिले में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती घरेलू हिंसा का एक और उदाहरण बन गई है। स्थानीय महिला संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “ससुराल में विवाहिता पर हमला न केवल पारिवारिक अपराध है, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर सवाल उठाता है। पुलिस को बिना देरी के आरोपी गिरफ्तार करने चाहिए।” गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है, और ग्रामीणों ने पीड़िता परिवार के साथ एकजुटता दिखाई है।

आगे की जांच: क्या होगा अगला कदम?

जिला अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार, शमीमा की हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें कुछ दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें आरोपी पक्ष के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। यदि शिकायत सही साबित हुई, तो आरोपी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (मारपीट) और 506 (धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

यह घटना एक बार फिर घरेलू हिंसा के खिलाफ सख्त कानूनों की आवश्यकता को रेखांकित करती है। रायबरेली प्रशासन से अपेक्षा है कि वह पीड़िता को न्याय दिलाने में कोई कसर न छोड़े।

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