Delhi Chokes Under Pollution: राजधानी दिल्ली (Delhi) में दिवाली (Diwali) के बाद भी हवा में ज़हर घुला हुआ है। पटाखों, पराली जलने और कम हवा की गति ने मिलकर प्रदूषण को और विकराल बना दिया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 219 तक पहुंच चुका है, जो ‘खराब से बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। सुबह-शाम की हल्की ठंड और धुंध ने लोगों की सांसें और मुश्किल कर दी हैं। अस्पतालों में सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं, दिल्ली के मौसम, AQI स्तर और सरकार की तैयारियों की पूरी तस्वीर।
दिवाली के बाद भी हवा में सुधार नहीं/Delhi Chokes Under Pollution
दिवाली (Diwali) के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद राजधानी की हवा अब भी दमघोंटू बनी हुई है। पटाखों का धुआं, खेतों में जलती पराली और धीमी हवा की रफ्तार ने मिलकर प्रदूषण को और बढ़ा दिया है। आमतौर पर त्योहार के बाद कुछ दिनों में हवा साफ हो जाती है, लेकिन इस बार मौसम प्रदूषण के अनुकूल बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मंगलवार को सुबह और शाम हल्की ठंड रहेगी और आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे। हल्की बूंदाबांदी की संभावना तो है, पर इतनी नहीं कि हवा को साफ कर सके। हवा की कम गति के चलते प्रदूषक कण ज़मीन के नज़दीक जमा हो रहे हैं, जिससे दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है।

राजधानी का AQI और प्रदूषण के आंकड़े
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Delhi Air Quality Index) (AQI) 219 दर्ज किया गया है- जो ‘खराब से बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। PM 2.5 का स्तर 219 और PM 10 का स्तर 158 पर पहुंच गया है, जो दोनों ही बेहद हानिकारक माने जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि PM 2.5 और PM 10 जैसे सूक्ष्म कण फेफड़ों और रक्त प्रवाह तक पहुंच जाते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोग जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। NO₂ का स्तर 18, SO₂ का स्तर 4 और CO का स्तर 6 रिकॉर्ड किया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इन तत्वों का लगातार बढ़ना राजधानी की हवा को ज़हरीला बना रहा है और लोगों की सेहत पर गंभीर असर डाल रहा है।
तापमान और मौसम का हाल
IMD के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली (Delhi) का न्यूनतम तापमान 19°C और अधिकतम 28°C रहने की संभावना है। सुबह का तापमान करीब 23°C दर्ज किया गया, जबकि नमी का स्तर 78% तक पहुंच गया। हवा की गति मात्र 6-7 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो प्रदूषकों को फैलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके चलते शहर के कई हिस्सों में घना स्मॉग छाया रहेगा, जिससे दृश्यता भी प्रभावित होगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन यह प्रदूषण के स्तर को घटाने में कारगर साबित नहीं होगी। फिलहाल मौसम की स्थिति प्रदूषण नियंत्रण के पक्ष में नहीं है।
सरकार के कदम और स्वास्थ्य पर खतरा
दिल्ली सरकार (Government Of Delhi) ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) पर नियंत्रण के लिए कई अस्थायी कदम उठाए हैं। निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है, सड़कों पर पानी का छिड़काव और धूल नियंत्रण अभियान चल रहा है। औद्योगिक इलाकों में कोयले से चलने वाले संयंत्रों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने 28 से 30 अक्टूबर के बीच कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) कराने की योजना बनाई है ताकि हवा में मौजूद प्रदूषक कण नीचे बैठ सकें। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है, जो फिलहाल मौजूद नहीं है। इस बीच, AIIMS और सफदरजंग अस्पतालों में सांस और फेफड़ों से जुड़ी शिकायतों वाले मरीजों की संख्या में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली की हवा अब सेहत के लिए नहीं, बल्कि खतरे का संकेत बन चुकी है।










