Dr. Varun Kapoor Leads Restart: सुधार और अनुशासन की दिशा में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जेल विभाग ने एक ऐतिहासिक पहल की है। जेल महानिदेशक डॉ. वरुण कपूर (Dr. Varun Kapoor) ने सागर केंद्रीय कारागार में बुनियादी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया। यह वही प्रशिक्षण है जो वर्ष 2016 से बंद पड़ा था, लेकिन अब मात्र तीन माह के भीतर पुनः आरंभ कर दिया गया है। नवनियुक्त प्रहरी इस प्रशिक्षण के जरिए न केवल अपनी कार्यकुशलता बढ़ाएंगे, बल्कि उन्हें समाज और कैदियों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का अवसर भी मिलेगा। प्रशिक्षण में मानवाधिकार, कानून, सामाजिक व्यवहार, योग और प्रेरणा जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है…
प्रशिक्षण के दायरे में आधुनिक दृष्टिकोण/Dr. Varun Kapoor Leads Restart
सागर केंद्रीय कारागार (Sagar Central Jail) में शुरू हुए इस बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवनियुक्त प्रहरियों को बहुआयामी ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। उन्हें शस्त्र संचालन से लेकर मानसिक संतुलन और नैतिक व्यवहार तक की शिक्षा दी जाएगी। मानवाधिकारों की रक्षा और बंदियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित करना इस प्रशिक्षण का प्रमुख उद्देश्य है। डॉ. वरुण कपूर (Dr. Varun Kapoor) का मानना है कि एक प्रहरी केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास की प्रक्रिया का भी अहम हिस्सा होता है। इसी सोच के तहत उन्होंने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को आधुनिक जरूरतों के अनुरूप पुनर्गठित किया है, ताकि जेल प्रणाली को अधिक मानवीय और प्रभावी बनाया जा सके।

निरीक्षण के दौरान दिए अहम निर्देश
उद्घाटन के बाद जेल महानिदेशक डॉ. वरुण कपूर (Dr. Varun Kapoor) ने प्रशिक्षण केंद्र के रसोईघर और कार्यालय परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षु प्रहरियों से संवाद करते हुए समर्पण और ईमानदारी से कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि एक प्रहरी का आचरण ही पूरे कारागार के अनुशासन का प्रतिबिंब होता है। उन्होंने व्यवस्था की स्वच्छता और पारदर्शिता पर विशेष बल दिया तथा प्रशिक्षण में समयपालन और व्यवहारिक शिक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। डॉ. कपूर का यह कदम न केवल प्रहरियों में आत्मविश्वास जगाने वाला है, बल्कि जेल प्रशासन में नई ऊर्जा का संचार करने वाला साबित हो रहा है।

कारागार में निरीक्षण और नई सुविधाओं का उद्घाटन
कार्यक्रम के दूसरे चरण में महानिदेशक ने सागर केंद्रीय कारागार (Sagar Central Jail) का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नवनिर्मित वी.सी. कक्षों का उद्घाटन किया और कारागार अस्पताल, बंदी बैरकों तथा कारागार उद्योग का जायजा लिया। निरीक्षण के समय जेल DIG दिनेश नरगांवे भी उपस्थित रहे। डॉ. वरुण कपूर ने अधीक्षक को कैदियों की समस्याओं के समाधान में पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक प्रक्रिया को मानवीय संवेदना के साथ पूरा किया जाए। इस पूरे दौरे से स्पष्ट संकेत मिला कि जेल विभाग अब केवल निगरानी नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास की दिशा में भी गंभीरता से काम कर रहा है।











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