Gold and Silver Prices Drop: दिवाली (Diwali) के बाद देश के सर्राफा बाजार (Bullion market) में कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद शायद किसी ने नहीं की थी। लगातार कई हफ्तों से चढ़ान पर चल रहे सोने-चांदी के भाव आखिरकार नीचे आने लगे हैं। निवेशकों और खरीदारों को इस गिरावट से कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन सवाल ये है कि इतनी तेजी से बढ़ रहे दाम अचानक ठंडे कैसे पड़ गए? क्या इसके पीछे त्योहारों के बाद की मांग में गिरावट है या फिर मुनाफावसूली का दौर? आख़िर सोने-चांदी की इस बड़ी गिरावट के पीछे कौन से कारण छिपे हैं…
सोने के दाम में भारी गिरावट/Gold and Silver Prices Drop
भारत (Bharat) में सोने के दामों (Gold Price) में इस वक्त तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। त्योहारों से पहले लगातार बढ़ रहे भाव अब रुकने लगे हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ एक दिन में सोने की कीमत में 1,375 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को जहां 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,20,628 रुपये था, वहीं गुरुवार को यह घटकर 1,19,253 रुपये पर आ गया। यह गिरावट ऐसे समय आई है जब लोग त्योहारों के बाद खरीदारी से परहेज़ कर रहे हैं, जिससे मांग में कमी आई है और बाजार में ठंडक लौट आई है।

चांदी के भाव में भी बड़ी गिरावट
सोने की तरह चांदी (Silver Price) के दामों में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। चांदी की दर 1,033 रुपये घटकर अब 1,45,600 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है। जबकि 29 अक्टूबर को यही कीमत 1,46,633 रुपये थी। इससे निवेशकों को अस्थायी राहत मिली है। कुछ ही सप्ताह पहले यानी 17 अक्टूबर को चांदी अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 1,71,275 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थी। लेकिन महज 13 दिनों में करीब 25,675 रुपये की गिरावट ने बाजार की दिशा पलट दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट मौसमी है और निकट भविष्य में कीमतों में फिर से हलचल देखने को मिल सकती है।
गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं?
दिवाली (Diwali) और धनतेरस (Dhanteras) जैसे त्योहारों के बाद सोने-चांदी की मांग में गिरावट स्वाभाविक है। खरीदारी रुकते ही बाजार पर असर पड़ता है। इसके अलावा, रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचे दामों के बाद निवेशकों ने मुनाफा वसूलना शुरू कर दिया। तकनीकी संकेतक जैसे Relative Strength Index (RSI) दिखा रहे थे कि सोना ‘ओवरबॉट जोन’ में था, यानी बिकवाली की स्थिति बन चुकी थी। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भू-राजनीतिक तनाव कम होने से निवेशक सुरक्षित निवेश की जगह अन्य एसेट्स की ओर जा रहे हैं, जिससे कीमती धातुओं की मांग में गिरावट आई है।
निवेश से पहले ध्यान रखें ये बातें
भले ही अभी बाजार में गिरावट का दौर चल रहा हो, लेकिन सोने में निवेश अब भी एक भरोसेमंद विकल्प माना जाता है। निवेश करने से पहले हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें ताकि उसकी शुद्धता की पुष्टि हो सके। साथ ही, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) या अन्य अधिकृत स्रोतों से रोज़ की दरें ज़रूर जांचें। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय अल्पावधि निवेशकों के लिए सावधानी का है, जबकि लंबी अवधि में सोना और चांदी दोनों ही बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।










