India-China Talks Gain Momentum: भारत और चीन (India and China) के रिश्तों में लंबे समय बाद एक सकारात्मक मोड़ देखने को मिला है। सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों ने एक बार फिर बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है। हाल ही में हुई सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने पश्चिमी सीमा से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। यह संकेत न केवल तनाव कम होने का है बल्कि एशिया की दो बड़ी शक्तियों के बीच भरोसे के नए अध्याय की शुरुआत भी माना जा रहा है। मौजूदा माहौल में यह विकास वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, आइए जानते हैं पूरी खबर क्या है…
सीमा विवाद पर बनी नई सहमति/India-China Talks Gain Momentum
नई दिल्ली (New Delhi) में सामने आए ताज़ा घटनाक्रम में भारत और चीन ने सीमा नियंत्रण को लेकर सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संवाद जारी रखने पर सहमति जताई है। हाल ही में हुई सैन्य वार्ता के दौरान पश्चिमी सीमा क्षेत्र के कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। चीनी रक्षा मंत्रालय (Chinese Ministry of Defense) ने बयान जारी कर कहा कि दोनों देश सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए लगातार बातचीत करते रहेंगे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के संबंधों में धीरे-धीरे नरमी लौट रही है। हालांकि, इस विषय पर भारतीय विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है।

गलवान के बाद रिश्तों में दिख रही नरमी
पिछले पांच वर्षों में गलवान घाटी की झड़प (Galwan Valley Clash) ने भारत-चीन संबंधों को गहरे तनाव में डाल दिया था। दोनों देशों के बीच विश्वास की खाई बढ़ गई थी और सीमा पर लगातार गतिरोध बना हुआ था। लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि हालात बदल रहे हैं। दोनों देशों ने इस वर्ष संवाद और वार्ता की प्रक्रिया को फिर से सक्रिय किया है। कूटनीतिक और व्यापारिक स्तर पर संपर्क बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि भारत और चीन अब टकराव के बजाय संवाद के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते हैं।
आर्थिक और कूटनीतिक प्रयासों में तेजी
अमेरिका (America) द्वारा चीन (China) पर लगाए गए नए व्यापारिक प्रतिबंधों और वैश्विक दबावों के बीच बीजिंग अपने एशियाई पड़ोसियों से रिश्ते सुधारने की कोशिश में है। इसी के तहत भारत के साथ भी संवाद को नई दिशा देने के प्रयास शुरू हुए हैं। हाल ही में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की बहाली को इस कूटनीतिक गर्माहट का प्रतीक माना जा रहा है। इंडिगो एयरलाइंस (Indigo Airlines) की कोलकाता से ग्वांगझू के लिए शुरू हुई उड़ान को दोनों देशों के बीच सहयोग की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम व्यापार और पर्यटन दोनों के क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने वाला साबित हो सकता है।
नेताओं की मुलाकात से मिला सकारात्मक संदेश
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास (Chinese Embassy) ने सीधी उड़ानों की बहाली को द्विपक्षीय संबंधों में ‘मील का पत्थर’ बताया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया चीन दौरे ने संबंधों में नई दिशा दी। तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) और राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच हुई द्विपक्षीय मुलाकात ने रिश्तों को नई गति दी। बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास बढ़ाने और सीमा विवाद को संवाद के जरिए सुलझाने पर सहमति जताई। शी जिनपिंग का यह बयान कि “भारत और चीन को ड्रैगन और एलिफेंट (Dragon and Elephant) की तरह एक साथ आगे बढ़ना चाहिए” भविष्य के सहयोग की नई उम्मीद जगाता है।










