Indian Trishul 2025 Raises Pakistan Tension: भारत की तीनों सेनाओं- थलसेना (Army), नौसेना (Navy) और वायुसेना (Air Force) की संयुक्त ताकत जब एक साथ रणभूमि में उतरती है, तो पड़ोसी देशों में खलबली मचना तय होता है। पश्चिमी सीमांत पर चल रहा ‘एक्सरसाइज त्रिशूल 2025’ इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। गुजरात के रण क्षेत्र से लेकर अरब सागर तक फैले इस अभ्यास ने न सिर्फ भारत की सामरिक तैयारी का प्रदर्शन किया है, बल्कि पाकिस्तान (Pakistan) में भी हड़कंप मचा दिया है। इस वॉर गेम के बीच पाकिस्तान ने अपने कई इलाकों में NOTAM जारी कर उड़ानों पर रोक लगा दी है। आइए जानते हैं इस पूरे अभ्यास का मकसद, इसकी रणनीति और पाकिस्तान की घबराहट का कारण…
तीनों सेनाओं की संयुक्त शक्ति का प्रदर्शन/Indian Trishul 2025 Raises Pakistan Tension
‘त्रिशूल 2025’ (Trishul 2025) भारत का अब तक का सबसे बड़ा थिएटर-कमांड आधारित (Theater-Command Based) वॉर गेम बताया जा रहा है। 3 नवंबर से शुरू होकर यह अभ्यास 30 नवंबर तक चलेगा, जिसमें 15,000 से अधिक सैनिक, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। यह ड्रिल गुजरात के सिर क्रीक, कच्छ और अरब सागर तक फैली हुई है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति में तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता को परखना है। थलसेना की आर्टिलरी यूनिट्स, वायुसेना के सुखोई-30 और राफेल जैसे फाइटर जेट्स, तथा नौसेना के डेस्ट्रॉयर और पनडुब्बियां इसमें हिस्सा ले रही हैं।

पाकिस्तान ने बढ़ाई चौकसी, जारी किया NOTAM
भारत के इस बड़े सैन्य अभ्यास से पाकिस्तान के सुरक्षा हलकों में घबराहट फैल गई है। इस्लामाबाद ने तुरंत अपने दक्षिणी और तटीय क्षेत्रों में NOTAM (Notice To Airmen) जारी कर उड़ानों पर अस्थायी रोक लगा दी है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान “किसी भी संभावित फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” के लिए सतर्क है। विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम भारत की लाइव-फायर ड्रिल और मिसाइल प्रैक्टिस से उत्पन्न भय को दर्शाता है।
अंदरूनी संकट से जूझता पाकिस्तान
इस समय पाकिस्तान (Pakistan) अंदरूनी मोर्चे पर भारी दबाव में है। एक ओर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की आतंकी गतिविधियाँ बढ़ी हैं, तो दूसरी ओर बलूच विद्रोही उसके सैन्य ठिकानों पर हमले कर रहे हैं। ऐसे में भारत की संयुक्त सैन्य ताकत का यह प्रदर्शन इस्लामाबाद (Islamabad) की रणनीतिक चिंता को और गहरा कर रहा है। रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में अधिकारी इस ड्रिल पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं, जबकि अंदरूनी राजनीतिक अस्थिरता ने देश की रक्षा तैयारियों को कमजोर किया है।
रेगिस्तान से समुद्र तक भारत की तैयारी
‘त्रिशूल’ (Trishul) अभ्यास को भारत की “पूर्ण युद्ध तैयारी” का ट्रायल माना जा रहा है। इसमें फाइटर जेट्स की संयुक्त स्ट्राइक मिशन, नौसेना की लाइव मिसाइल फायरिंग, और थल सेना की मैकेनाइज्ड ऑपरेशन यूनिट्स (Mechanized Operation Units) की सिंक्रोनाइज़ प्रैक्टिस शामिल है। सैटेलाइट इंटेलिजेंस, ड्रोन मॉनिटरिंग (Drone Monitoring) और रडार सपोर्ट सिस्टम भी इस अभियान का हिस्सा हैं। यह ड्रिल न केवल भारत की रक्षा नीति की आक्रामकता को दर्शाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि देश किसी भी परिस्थिति में बहु-आयामी युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है।










